(punjab e news ) 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 27 जुलाई की आधी रात को लगने जा रहा है। वैसे, शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 55 मिनट से सूतक लगते ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण मध्य रात्रि में 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर होगा।
यह इस साल का यह दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण है। इससे पहले 31 जनवरी को पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था। 27 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है क्योंकि इसी दिन महर्षि व्यास का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसके अगले दिन से श्रावण मास शुरू हो रहा है। श्रावण मास का पहला स्नान ग्रहण मोक्ष में होगा जो बहुत ही शुभ है। गुरु पूर्णिमा को ग्रहण होने की वजह से पंडितों का मानना है कि दोपहर तक गुरु पूर्णिमा की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए।
नग्न आंखों से देखा जा सकेगा ग्रहण
चंद्रग्रहण की खास बात यह भी है कि इसे नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। साथ ही चंद्रग्रहण भारत सहित एशिया के अन्य देशों व रूस, अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कुछ देशों में भी देखा जा सकेगा।
राशियों पर पड़ेगा यह असर
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार 27 जुलाई का चंद्रग्रहण मकर राशि में हो रहा है। इसलिए इस चंद्रग्रहण की वजह से मकर राशि के जातक ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। यह चंद्रग्रहण मकर राशि के जातकों के लिए अशुभ है। मकर के अलावा मेष, वृष व कुंभ राशि वालों को ग्रहण का बुरा असर प्रभावित करेगा। अन्य राशियों की बात करें तो मिथुन, तुला, वृश्चिक व मीन राशियों के लिए यह ग्रहण शुभफलदायी होने वाला है।
ग्रहण में न करें यह काम
-ऐसी मान्यता है कि चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं घर से बाहर ना निकलें।
– सुई व नुकीली चीजों का उपयोग करने से भी बचना चाहिए।
– मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान लोगों को कुछ भी नहीं खाना चाहिए। अगर कुछ खाने का मन है तो चंद्रग्रहण शुरू होने से पहले या फिर खत्म होने के बाद खा लें।
– चंद्रग्रहण के समय लोगों को कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए।
– जिस समय तक चंद्रग्रहण रहता है, उस वक्त तक भगवान की पूजा अर्चना ना करें। घर में मन ही मन भगवान का स्मरण कर सकते हैं, क्योंकि मंदिर इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं।
-देवमूर्ति का स्पर्श, मल-मूत्र का त्याग भी नहीं करना चाहिए|