Jalandhar (punjab e news ) मौका था जालंधर में नशे के खिलाफ दौड़ का,जिसे प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था। जिलाधीश वरिंदर शर्मा ,पुलिस कमिश्नर प्रवीण सिन्हा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी गुरु गोबिंद स्टेडियम पहुंचे। सैंकड़ो की संख्या में स्कूली बच्चों व् नागरिको ने भी इस चेतना दौड़ में हिस्सा लिया। सीनियर सिटिज़न तथा स्कूली बच्चे आज के आयोजन की शान थे।
बच्चे दौड़े ,अधिकारी दौड़े तथा आम नागरिक भी.सब सामान्य था लेकिन रंग बना दौड़ की समाप्ति पर।गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के मंच पर एक बज़ुर्ग ने गाना शुरू कर दिया। उनके एक साथी ने हलके अंदाज़ में नाचना शुरू कर दिया। सी पी सिन्हा पास में ही खड़े थे। मन में पता नहीं क्या सूझी ,आ कर नाचने लगे । वह लगभग अकेले ही भंगड़ा डाल रहे थे। अभी एक दो स्टेप डाले ही थे की गाना खत्म हो गया। सी पी ने बड़े निराशाभाव से मंच की तरफ देखा। हर कोई भाप गया था की साहिब आज मूड में हैं। गाना लगा दिया गया 'बै के वेख जवाना ,बाबे भंगड़ा पौंदे ने '. बस फिर कोई नहीं रुका। सीनियर सिटिज़न्स के साथ भांगड़ा शुरू हो गया। सी पी साहिब के अंदाज़ देख कर ज़िलाधीश वरिंदर शर्मा भी रुक न पाए।
प्रशासन द्वारा करवाई गयी दौड़ की सफलता से कमिश्नर सिन्हा काफी खुश दिखे। अगर उनके नाचने की बात करू तो कुछ कुछ शादी जैसा माहौल दिख रहा था। डी सी शर्मा दूल्हे के पिता की तरह धीरे धीरे डांस कर रहे थे तो सी पी साहिब दूल्हे के भाई की तरह जोश में थे।जिले के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर मनविंदर सिंह दूल्हे की तरह शर्म खा कर सिर्फ हाथ हिलाते हुए दिखे। डी पी आर ओ मनविंदर सिंह ने दौड़ में तो कमिश्नर और जिलाधीश को हरा दिया लेकिन डांस के मामले में वह दोनों से हार गए।
अब इसका सबसे अच्छा पहलु था वहां खड़े आम लोग तथा स्कूली बच्चे। सीरियस पोस्ट तथा अक्सर सीरियस दिखने वाले जिले के बड़े अफसरों को इस अंदाज़ में देख कर लोगो को अचानक से अपनापन महसूस होने लगा। पुलिस का ख़ौफ़ कम होता दिखा। जनता को यह समझ आने लगा की पुलिस सिर्फ जेल भेजने वाली नहीं होती,यह दोस्ताना तथा ख़ुशी बांटने वाली भी होती है।