Jalandhar (punjab e news ) कोई चीज जब आपकी पहुँच से दूर होती है तब वही जानदार और अच्छी लगती है। लेकिन जब वह आपके पास आ जाती है जब आप उसके सम्पर्क में रहते है फिर उसकी पोल खुल जाती है। कुछ ऐसी ही राय हमारी खतरनाक गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा के बारे में है।
होशियारपुर के सरपंच का हाईवे पर सरेआम कत्ल। कत्ल का तरीका देखिये। बीच सड़क पर सबके सामने गोलियां मारी गई। पंजाब के उभरते कलाकार परमिश वर्मा पर जानलेवा हमला। परमिश हर पंजाबी युवा के दिलो की धड़कन माने जाते है। जब परमिश पर हमला हुआ तो युवाओं में दिलप्रीत बाबा के नाम का खौफ पैदा हो गया। एकाएक सोशल मीडिया पर गैंगस्टर बाबा सर्च होने लग गया।
फिर एक लम्बे समय बाद एक मुठभेड़ में गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा पकड़ा गया। खौफ का पर्याय बने दिलप्रीत ने दो ही दिनों में अपने खौफ की असलियत सामने रख दी। दरअसल मुठभेड़ के दौरान दिलप्रीत की जांघ पर गोली लगी थी। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालात गंभीर थी इसलिए पुलिस भी उससे सख्ती से पूछताछ नहीं कर सकती थी। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब पी जी आई के बिस्तर पर लेटे हुए गैंगस्टर बाबा पुलिस द्वारा आराम से पूछे जा रहे सवालों का तोते की तरह जवाब दिए जा रहा था। मतलब बगैर मार खाए ,बगैर थर्ड डिग्री के 'सुरमे ' ने अपने तीन पनाहगार साथी पकड़ा दिए। खौफ का बाबा डंडा देख कर ही बोल पड़ा। यह भी बता दिया की परमिश वर्मा से दस लाख लिए थे। गोली मैंने नहीं चलाई थी। यह सब सुन कर स्व जसपाल भट्टी की फिल्म 'माहौल ठीक है' याद आ गई। पर यहाँ पर बिल्लू बकरा खुद को कातिल नहीं मान रहा।
फिर जब सच्चाई सामने आई तो पता लगा की पहले तो जनाब ने पुलिस के डर के मारे अपने केश कटवा रखे थे। नशे लेने का आदि वह था। दो दो लड़कियों के साथ उसके अवैध सम्बन्ध थे। नशेड़ी इतना की नशा मुक्ति सेंटर में इलाज भी करवाया गया। ड्रग ,कंडोम और वियाग्रा जैसी दवाईआं उससे मिली। जिस हिसाब से दिलप्रीत तोता रटत पर चालू है तो जरा उसके ठीक होने का इंतज़ार करिये और भी कई खुलासे होंगे।