New Delhi (punjab e news ) बात केबल माफिया की हो ,रेत खनन पॉलिसी की या फिर वन टाइम सेटलमेंट स्किम तहत अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने की, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू को हर मोर्चे पर सी एम कैप्टन तथा उनके करीबियों से दो चार होना पड़ा है।
अभी कल की ही बात है जब सी एम से सिद्धू द्वारा अकाली भाजपा सरकार द्वारा किये गए विज्ञापन घोटाले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया। बोले अब इसका कोई तुक नहीं की उन्होंने विज्ञापनों पर कितने पैसे खर्च कर दिए। सिद्धू अंदर से भरे पड़े थे, सो बुधवार को वह दिल्ली दरबार पहुंच गए। मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धू ने किसी से भी कोई नाराज़गी होने से इंकार किया है।
चलो मान लेते है। यह सब ब्यान शुद्ध सियासी होते हैं। इसमें कोई शक नहीं की सिद्धू ने अपने मन की बात पार्टी प्रधान से की। लेकिन वह शायद भूल गए की फिलहाल अमरिंदर सिंह कांग्रेस के कैप्टन हैं। यह राहुल की ही सलाह थी उन्हें बाहर जा कर भी अपना गुस्सा छुपाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार सिद्धू की व्यथा सुनने के बाद राहुल ने निजी तौर पर कैप्टन से बात करने की हामी भरी है।