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AMERICA से PANAMA द्वारा DEPORT किए 12 भारतीय पहुंचे दिल्ली, 4 पंजाब से

 

NATIONAL NEWS –  अमेरिका (AMERICA) से पनामा (PANAMA) भेजे गए 12 अवैध भारतीय अप्रवासियों (ILLEGAL INDIAN IMMIGRANTS) को लेकर एक फ्लाइट  नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (INDIRA GANDHI INTERNATIONAL AIRPORT) पर पहुंचा। यह पनामा से वापस लाए जाने वाले भारतीयों (INDIANS) का पहला जत्था है। इससे पहले अमेरिका ने लगभग 332 अवैध अप्रवासियों को भारत वापस भेजा था, जो अमेरिकी में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे थे।

          पनामा और कोस्टा रिका, अमेरिका के साथ मिलकर इन निर्वासित प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने में मदद कर रहे हैं। अमेरिका कई एशियाई देशों के ऐसे लोगों को इन मध्य अमेरिकी देशों में भेज रहा है, जो या तो अपने देश वापस जाने से इनकार कर रहे हैं या जिनके देश उन्हें स्वीकार करने से मना कर रहे हैं।

ये भारतीय नागरिक तुर्किश एयरलाइंस की फ्लाइट से इस्तांबुल होते हुए दिल्ली पहुंचे। इनमें से 4 पंजाब से, 5 हरियाणा से और 3 उत्तर प्रदेश से हैं। पंजाब के अलग-अलग जिलों के 4 लोगों को एक फ्लाइट से अमृतसर भेज दिया गया। 299 लोगों में से कितने भारतीय थे, यह अभी साफ नहीं है। राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो के इस बात पर सहमत होने के बाद कि पनामा निर्वासितों के लिए एक ‘पुल’ देश बनेगा, ये लोग पिछले हफ्ते तीन विमानों से पनामा पहुंचे थे।

            विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पनामा और नई दिल्ली के लिए निर्वासन उड़ानों के बारे में कुछ रिपोर्टें देखी हैं और वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या संबंधित व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं या नहीं। अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में, MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पत्रकारों से कहा, ‘एक बार सत्यापन विवरण पूरा हो जाने के बाद, इन भारतीय नागरिकों की घर वापसी की व्यवस्था की जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘एक बार जब हम पूरी तरह से पुष्टि कर लेंगे, तब हम इन भारतीय नागरिकों को वापस लाने का इंतजाम करेंगे।’

ट्र्ंप प्रशासन ने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लाखों अप्रवासियों को निर्वासित करने की कवायद तेज कर रखी है। इस सख्त कार्रवाई के तहत, अमेरिका पहले ही तीन समूहों में कुल 332 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेज चुका है। पनामा में फिलहाल मौजूद 299 अनिर्दिष्ट प्रवासियों में से केवल 171 ने ही अपने देश लौटने की सहमति दी है। यह घटना अवैध अप्रवासन के जटिल मुद्दे और विभिन्न देशों द्वारा इसे संभालने के तरीके को उजागर करती है।