गृह मंत्रालय ने कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है।
इस आदेश के मुताबिक, अगले 1 साल तक देश की कोई भी पुलिस या जांच एजेंसी उसे जेल से बाहर निकालकर कस्टडी में नहीं ले सकेगी। अगर किसी एजेंसी को उससे पूछताछ करनी है, तो वह केवल तिहाड़ जेल में जाकर ही पूछताछ कर सकती है। यह फैसला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है।
धारा 303 क्या कहती है?
BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 303 गृह मंत्रालय को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी बंदी को उसकी जेल से बाहर ले जाने पर रोक लगा सके। इसका उद्देश्य यह होता है कि जेल से बाहर ले जाने पर सुरक्षा खतरा न बने। आरोपी पर किसी बाहरी हमले का जोखिम न हो। कानून और व्यवस्था प्रभावित न हो। इसी तरह का आदेश पहले उसके बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई पर भी लागू था, जो गुजरात की साबरमती जेल में बंद है।
कैसे हुआ अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी?
अनमोल बिश्नोई 2022 से फरार था और विदेश में रहकर अपने गैंग को चलाता रहा।अमेरिकी अधिकारियों ने उसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से रहने के आरोप में पकड़ा। इसके बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। भारत आते ही NIA ने उसे गिरफ्तार किया और पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया।
NIA कोर्ट की कार्रवाई
कोर्ट ने पहले उसे 11 दिनों की NIA कस्टडी में भेजा था। फिर जांच के लिए उसकी कस्टडी 7 दिन और बढ़ाई गई। बाद में अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। एजेंसियां उससे उसके गिरोह की गतिविधियों और नेटवर्क के बारे में पूछताछ कर रही हैं।