ससराली में रास्ता बदलकर बह रह सतलुज दरिया किसानों व प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
ससराली में रास्ता बदलकर बह रह सतलुज दरिया किसानों व प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। सतलुज की ओर से किसानों की जमीनें निगलने का सिलसिला जारी है। जब कुछ दिन पहले यहां पर धुस्सी बांध में कटाव आ गया था तो उस वक्त सेना, प्रशासन व आम लोगों ने टैंपरेरी रिंग बांध तैयार कर दिया था ताकि यदि पानी आगे बढ़े तो रिंग बांध उसे रोक ले। जमीन का कटाव करते-करते सतलुज का पानी अब रिंग बांध के काफी नजदीक पहुंच चुका है।
यदि कटाव इसी तरह से जारी रहा तो एक-दो दिन में यह पानी रिंग बांध तक पहुंच जाएगा। उधर, प्रशासन सतलुज का बहाव उसके पुराने रास्ते पर करने की कोशिश में जुटा हुआ है। प्रशासन की ओर मदद मांगने के बाद वीरवार को सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके के हालात का जायजा लिया और जमीन का कटाव रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई।
उधर, सतलुज के रास्ता बदलने से रेड़ गांव में भी किसानों की जमीनें सतलुज में समा रही हैं। गांव के लोगों के मुताबिक रोजाना जमीनों से मिट्टी के तोंदे सतलुज में गिर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि रेड़ गांव में प्रशासन कटाव को रोकने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास करे,