Home Latest News कृष्ण जन्माष्टमी 16 या 17 अगस्त? देशभर में तारीख को लेकर भ्रम,...

कृष्ण जन्माष्टमी 16 या 17 अगस्त? देशभर में तारीख को लेकर भ्रम, अयोध्या में बंटे मंदिर- जानिए पक्की बात!

2
0

पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह है।

पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह है। मंदिरों को सजाया जा चुका है, झांकियों की तैयारी जोरों पर है और भक्त भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इस बार जन्माष्टमी दो अलग-अलग तिथियों – 16 और 17 अगस्त को मनाई जा रही है, जिसको लेकर लोगों में थोड़ी भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है।
क्यों 2 दिन मनाई जा रही है जन्माष्टमी?
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दो अलग-अलग दिनों में पड़ रहे हैं।
– अष्टमी तिथि शुरू: 15 अगस्त रात 12:58 बजे
– अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त रात 10:30 बजे
– रोहिणी नक्षत्र योग: 17 अगस्त सुबह 6:28 बजे से 18 अगस्त सुबह 4:54 बजे तक
इस कारण कुछ लोग 16 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहे हैं और कुछ 17 अगस्त को।
अयोध्या में कब और कहां मनाई जा रही जन्माष्टमी?
अयोध्या के अलग-अलग प्रमुख मंदिरों में भी इस बार दो अलग-अलग तारीखों पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है:
– 16 अगस्त को जन्माष्टमी: कनक भवन, जानकी महल, कालेराम मंदिर
– 17 अगस्त को जन्माष्टमी (वैष्णव परंपरा अनुसार): श्रीराम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, अधिकतर वैष्णव मंदिर
क्या कहते हैं धर्मगुरु?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, वैष्णव परंपरा में उदया तिथि (जिस दिन सूर्योदय हो) को अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए वैष्णव मंदिरों में 17 अगस्त को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हनुमत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश दास और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी अनंताचार्य ने भी इस बात की पुष्टि की कि नक्षत्र प्रधान पर्व होने के कारण 17 अगस्त को व्रत और उत्सव दोनों करना ज्यादा उचित होगा।
कैसे मनाई जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात ठीक 12:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की प्रतीक झांकी सजाई जाती है। भक्त पूजा, आरती और भोग लगाते हैं। मधुर भजन-कीर्तन होते हैं। मंदिरों और घरों में श्रृंगार किया जाता है। छोटे बच्चों को लड्डू गोपाल का रूप देकर झांकी सजाई जाती है। रातभर जागरण होता है और भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here