स्पेशल सेल की जांच में सामने आया है कि सीमापार से ड्रोन के जरिये ग्रेनेड और हथियार भेजे जाते थे। पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जहां सुरक्षा निगरानी कम है, वहां रात के वक्त ड्रोन गिराए जाते थे और पहले से तैनात व्यक्ति उन्हें उठाकर आगे पहुंचाते थे। इन हथियारों की सप्लाई और टेरर फंडिंग हवाला के जरिये भारत लाई जाती थी।
आरोपी विकास ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह पहले मजदूर था और इंस्टाग्राम के जरिये शहजाद भट्टी के संपर्क में आया। भट्टी ने उसे ग्रेनेड चलाने की ट्रेनिंग वीडियो के जरिये दी और अलग-अलग स्थानों की रेकी का टास्क सौंपा।
भट्टी ने अपने गिरोह के सदस्य हरगुनप्रीत, आसिफ और मोहन को विकास के पास भेजकर गुरदासपुर हमला करने के आदेश दिए। आसिफ ने हमले का नक्शा और वीडियो तैयार किया, जबकि मोहन बाइक चला रहा था। हमले के बाद भट्टी ने अपने साथियों को मोबाइल बंद कर छिपने को कहा था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, शहजाद भट्टी का नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिये भारतीय युवाओं को पैसे और लालच देकर अपने जाल में फंसा रहा है। उनके रहने, खाने, बाइक और जरूरी खर्च की व्यवस्था उसी के मॉड्यूल द्वारा की जाती है। बदले में उन्हें देश में आतंकी वारदातों को अंजाम देने को कहा जाता है।