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पंजाब में भारी बारिश का कहर, कहीं गिरी छत तो कहीं नहरों ने मचाई तबाही

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रविवार से शुरू हुई बारिश आमजन के लिए मुसीबत बन रही है।

 रविवार से शुरू हुई बारिश आमजन के लिए मुसीबत बन रही है। सोमवार रात बारिश के कारण अबोहर में 3 घरों की छत गिर गई। ढाणी सुच्चा सिंह में पशुओं के नोहरे में 2 कमरों की छत्त गिरने से जहां पशु व बकरियां दब गई, वहीं संत नगर में मकान की छत गिरने से दो व्यक्ति मलबे में दबकर घायल हो गए, जिनकी हालत नाजुक बनी हुई है। अबोहर की ढाणी सुच्चा सिंह निवासी हरदीप सिंह व निर्मल सिंह ने बताया कि रविवार और सोमवार को हुई बारिश के कारण उसके पशुओं के नोहरे में दो कमरों की छत रात करीब डेढ़ बजे अचानक गिर गई। जिसकी आवाज सुनकर वह भागकर पहुंचे तो देखा कि छत के मलबे के नीचे गाय व बकरियां दब गई थी, जिन्हें उन्होंने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला। ईंटे लगने से कुछ बकरियां घायल हो गई, वहीं एक बकरी का पैर फ्रैर हो गया। इस घटना में पीड़ित का करीब एक लाख रुपए का नुक्सान हो गया। वहीं, दूसरी घटना अबोहर के संत नगर गली नं 0 की है, जहां एक कमरे की छत गिर गई। जहां रिंकू और विनोद कुमार छत के मलबे के नीचे दबने से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया है। इसी दौरान छत वाला पंखा खोलते समय अचानक छत धराशाही हो गई और रिंकू व विनोद मलबे में दबकर घायल हो गए। जिनकी आवाज सुनकर मोहल्ले के लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।

मोगा जिले के गांव जनेर में बारिश के कारण गरीब परिवार के घर की छत गिरी
मोगा जिले में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण मोगा जिले के जनेर गांव में एक गरीब मजदूर के घर की छत गिर गई। घर में सो रहा परिवार जान बचाने के लिए भागा, जिससे आर्थिक नुकसान हुआ। इस मौके पर मजदूर सुखविंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह रात को सो रहा था, तेज बारिश हो रही थी और सुबह करीब 4 बजे उसकी छत से सीमेंट का एक टुकड़ा गिरा और उसने देखा कि उसके घर की छत गिरने वाली है, इसलिए पूरा परिवार जल्दी से बाहर भागा और अपनी जान बचाई। छत गिरने से घर का सामान, जिसमें एक मोटरसाइकिल, एक कूलर, एक अलमारी, एक बक्सा शामिल है, क्षतिग्रस्त हो गया। मैं प्रशासन से अनुरोध करता हूं कि मुङो घर दिलाने में मदद करें। इस मौके पर गांव निवासियों ने बताया कि यह एक गरीब परिवार है जो मेहनत-मजदूरी करके अपना गुजारा करता है। घर में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति वही है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि उनकी मदद की जाए ताकि वे अपने घर पर छत डाल सकें।
तेज बारिश के चलते मोगा-बरनाला राजमार्ग धंसा
मोगा बरनाला राष्ट्रीय राजमार्ग 703 कल से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गांव माछीके में धंस गया है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिन-रात हजारों वाहन गुजरते हैं, जो बहुत तेज गति से चलते हैं, जिसके कारण इस बहे हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर कभी भी भयानक हादसा हो सकता है, क्योंकि इस जगह पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिसके कारण लगभग 10 कीमती जानें जा चुकी हैं। गौरतलब है कि मोगा-बरनाला राष्ट्रीय राजमार्ग 703, जो कुछ साल पहले बनाया गया था, अपनी शुरूआत से ही लगातार विवादों से घिरा रहा है, जिस स्थान पर यह राष्ट्रीय राजमार्ग बह गया है, वहां इस राष्ट्रीय राजमार्ग के गलत निर्माण और पुल की मांग को लेकर किसान संगठनों और ग्रामीणों द्वारा लगातार एक साल तक दिन-रात धरना दिया गया था, क्योंकि यह राष्ट्रीय राजमार्ग गांव माछीके से 6 से 7 फुट ऊंचा बनाया गया था। नियमों को ताक पर रखकर लोगों के चढ़ने के लिए सीढ़ियां बना दी गईं, जिसके कारण कई लोगों की तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
सतलुज नदी के किनारे के गांवों में 24 घंटे निगरानी के आदेश
फाजिल्का: जिला मैजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू आईएएस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 (पुरानी सीआरपीसी 1973 की धारा 144 ) के तहत शिक्तयों का प्रयोग करते हुए, सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों में शरारती तत्वों द्वारा किसी भी प्रकार की शरारत से सुरक्षा के लिए 24 घंटे गश्त (ठीकरी पहरे) लगाने के आदेश जारी किए हैं। जिला मैजिस्ट्रेट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य में भारी बारिश के कारण फाजिल्का जिले में सतलुज नदी उफान पर है, जिसके कारण बाढ की स्थिति पैदा हो गई है। इसके चलते सतलुज दरिया से सटे गांवों मुहर जमशेर, तेजा रु हेला, चक रु हेला, दोना नानका, ढाणी लाभ सिंह, महातम नगर, राम सिंह भैणी, झंगड भैणी, रेटे वाली भैणी, गट्टी नंबर 1, वाले शाह हिठाड (गुलाब भैणी), ढाणी सद्दा सिंह, गुद्दर भैणी, घुरका, ढाणी मोहना राम, वाले शाह की ढाणयिां में बडी मात्ना में पानी घुस गया है। उत्तर (नूरशाह), मुहर खिवा, मुहर सोना, मुहर खिवा भवानी, रेते वाली धानी (मुहार जमशेर)।

 

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