हिमाचल व पंजाब में आई बाढ़ का विपरीत असर फलों-सब्जियों की सप्लाई पर पड़ा है।
हिमाचल व पंजाब में आई बाढ़ का विपरीत असर फलों-सब्जियों की सप्लाई पर पड़ा है। नतीजतन सब्जियों व फलों के रेट में 40 प्रतिशत तक उछाल आया है।सड़कें बंद होने की वजह से आने-जाने में काफी परेशानियां हो रही हैं। खाने पीने और अन्य खाद्यान्न की चीज पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं जा पा रही है तो इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में पहाड़ों से आने वाली फल और सब्जी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। हिमाचल में हालात ज्यादा खराब होने के चलते सब्जियों व फलों विशेषकर शिमला मिर्च एवं सेब के दाम बढ़ गए हैं। ग्राहकों को शिमला मिर्च 80-90 किलो मिल रही है जो 15 दिन पहले सामान्य स्थिति में 50 रुपए किलो तक थी। इसी तरह सेब की सप्लाई अवरुद्ध होने से मार्केट में रिटेल में सेब की कीमत 120-150 रुपए प्रति किलो हो गई है, जबकि 15 दिन पहले सेब का रेट 50 से 75 रुपए था।
सब्जी विक्रेता भी बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाते हुए मनमाने रेट वसूल कर रहे हैं। वहीं गोभी 50 से 60 रुपए किलो मिल रही है जो 15 दिन पहले 30 रुपए में मिल रही थी। मौसमी जिसका 15 दिन पहले रेट 30 रुपए होलसेल था, अब 40 रुपए मिल रही है, जबकि रिटेल में विक्रेता 60-65 रुपए किलो बेच रहे हैं। टमाटर जिसका आज होलसेल रेट 25 रुपए प्रति किलो है मुनाफा कमाने की आड़ में विक्रेता 50 रुपए प्रति किलो टमाटर बेच रहे हैं यानि बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाते हुए डबल रेट पर टमाटर बेचे जा रहे हैं।
रेट नार्मल होने में लग सकता है एक महीना
वहीं, सब्जी फ्रूट कारोबारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि यह स्थिति करीब एक माह तक इसी तरह जारी रहने की संभावना है। हिमाचल से पंजाब में फल-सब्जी की सप्लाई पूरी तरह से ठप्प है। स्थिति सामान्य होने में एक माह का समय लग सकता है। नतीजतन दामों में तेजी जारी रहने की संभावना है। जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते तब तक सब्जी और फलों के दाम कम होने की उम्मीद नहीं है।