विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा बांध से सटी गोबिंद सागर झील का जल स्तर में रोजाना वृद्धि दर्ज की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हो रही भारी बरसात के चलते विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा बांध से सटी गोबिंद सागर झील का जल स्तर में रोजाना वृद्धि दर्ज की जा रही है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बीबीएमबी मैनेजमैंट की ओर से सोच विचार करने के बाद विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा बांध के चारों फल्ड कंट्रोल गेटों को टैस्टिंग के लिए मंगलवार शाम को 3 बजे खोला गया जिसमें पहले घंटे में फ्लड गेट को एक फीट, दूसरे घंटे में 2 फीट तक फ्लड गेटों को खोले जाने की जानकारी सामने आई है और इन चारों फ्लड गेटों एवं ट्रबाइनांे के माध्यम से भाखड़ा बांध से कुल 43300 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। जिसमें से नंगल हाइडल चैनल में 12500 क्यूसिक, आनंदपुर हाइडल चैनल में 10150 क्यूसिक पानी तथा सतलुज दरिया में 20650 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है।
सूत्रों अनुसार उक्त पानी छोड़ने के बाद भी किसी प्रकार के खतरे की संभावना नहीं है। अगर सतलुज दरिया में 1 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा जाता है तो उससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है, लेकिन अभी तक सतलुज दरिया का जलस्तर काफी कम है। इस संबंध में डीसी वरजीत वालिया ने भी अपनी एक वीडियो जारी कर रूपनगर निवासियों को स्थिति से अवगत करवाते कहा कि पहाड़ों में भारी वर्षा के कारण भाखड़ा डैम के गेट कमेटी द्वारा अहतियात के तौर पर 2 फीट तक खोलने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 45 हजार क्यूसिक पानी भाखड़ा डैम से छोड़ा गया है। जिसमें लगभग 22 हजार क्यूसिक पानी नहरों में तथा 23 हजार क्यूसिक पानी दरिया में चला जाएगा। उन्होंने कहा कि 45 हजार से ऊपर सतलुज दरिया में पानी आने के बाद ही बाढ़ के खतरे की संभावना बढ़ती है लेकिन अभी आधा ही पानी का स्तर बनेगा। इसलिए शहरनिवासियों तथा गांववासियों को घबराने की कोई आवश्यकता नही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी पूरी नजर स्थिति पर बनाए हुए है।