ज़िंदगी का सफ़र सबके लिए आसान नहीं होता। हमारे बीच कुछ ऐसे जाँबाज़ साथी भी हैं
ज़िंदगी का सफ़र सबके लिए आसान नहीं होता। हमारे बीच कुछ ऐसे जाँबाज़ साथी भी हैं, जो दिव्यांगता (disability) या नेत्रहीनता (blindness) जैसी चुनौतियों के बावजूद हर दिन हिम्मत से आगे बढ़ते हैं। उनके लिए, बस की एक सीट तक पहुँचना भी अक्सर किसी बड़ी लड़ाई से कम नहीं होता—सिर्फ़ शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी। ऐसे में, पंजाब की मान सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो सिर्फ़ शासन का हिस्सा नहीं है, बल्कि मानवता की सबसे ऊँची मिसाल है। यह फ़ैसला उन तमाम बंद दरवाज़ों को खोलता है, जो हमारे इन ख़ास नागरिकों के लिए अक्सर बंद रह जाते थे। सरकार ने उनकी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा को जारी रखने के लिए ₹85 लाख की बड़ी राशि जारी की है। यह फैसला दिखाता है कि सरकार के लिए समाज के हर वर्ग का कल्याण कितना ज़रूरी है।

₹85 लाख! यह महज़ एक संख्या नहीं है। यह लाखों सपनों का ईंधन है, जो दिव्यांगों और नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए मुफ़्त बस यात्रा की सुविधा को जारी रखेगा। सोचिए अब वे बिना किसी चिंता के स्कूल जा सकेंगे, अपने रोज़गार की तलाश कर सकेंगे या अपनों से मिलने दूर तक का सफ़र तय कर सकेंगे। यह पहल सिद्ध करती है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार, सिर्फ़ घोषणाएँ नहीं, बल्कि दिल से काम करती है। यह राशि उनके सम्मान में एक निवेश है, ताकि वे हर चुनौती को पार कर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के साथ समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।
मान सरकार का यह कदम उम्मीद की नई रोशनी बनकर आया है, जो बताता है कि एक विकसित समाज वह है, जहाँ कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण से पीछे न छूटे।यह राशि केवल पैसा नहीं है, यह सम्मान है, सहूलियत है और सबसे बढ़कर यह एक संदेश है कि ‘आप अकेले नहीं हैं।’ यह कदम उन चेहरों पर एक नई मुस्कान लाएगा, जो अब बिना किसी चिंता के स्कूल जा सकेंगे, नौकरी कर सकेंगे या डॉक्टर के पास पहुँच सकेंगे। इस पहल ने साबित कर दिया है कि एक संवेदनशील सरकार के लिए समाज का हर नागरिक अनमोल है। यह पंजाब सरकार का एक बड़ा कदम है, जो दिखाता है कि जब नीयत साफ़ हो, तो हर बाधा पार की जा सकती है।












































