सांसद मलविंदर सिंह कंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से पंजाब को विनाशकारी बाढ़ से बचाने के लिए त्वरित केंद्रीय हस्तक्षेप की भावनात्मक और तत्काल अपील की है।
श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मलविंदर सिंह कंग ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से पंजाब को विनाशकारी बाढ़ से बचाने के लिए त्वरित केंद्रीय हस्तक्षेप की भावनात्मक और तत्काल अपील की है। इस आपदा ने 1,200 से अधिक गांवों को जलमग्न कर दिया है, लगभग चार लाख लोगों को बेघर कर दिया है और 40 से अधिक लोगों की जान ले ली है। सबसे अधिक प्रभावित जिले — गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर है। ये जिले पूरी तरह तबाही का सामना कर रहे हैं। चार लाख एकड़ से अधिक धान की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, पशुधन की भारी हानि ने ग्रामीण परिवारों को तबाह कर दिया है। सड़कों, पुलों और घरों के टूटने से पंजाब के हरे-भरे खेत आज उजड़े मैदान बन गए हैं।
कंग ने कहा कि पंजाब का योगदान केवल खाद्य सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह सीमावर्ती राज्य है जिसने बार-बार राष्ट्रीय संकट में बलिदान दिया और गर्व से खड़ा रहा। उन्होंने याद दिलाया कि हाल ही में इंडो-पाक संघर्ष के दौरान ऑपरेशन सिंदूर में पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के लोगों ने अपने घर और दिल सैनिकों के लिए खोले थे। “ये जुझारू लोग हमेशा राष्ट्र को पहले रखते आए हैं। आज, वे उम्मीद से राष्ट्र की ओर देख रहे हैं कि वह उनके साथ खड़ा होगा।
सांसद कंग ने स्पष्ट कहा कि केंद्र की तुरंत मदद के बिना पंजाब का पुनर्निर्माण संभव नहीं है। उन्होंने दो प्रमुख मांगें रखीं:
1.विशेष केंद्रीय राहत पैकेज – बिहार को दिए गए ₹58,900 करोड़ और आंध्र प्रदेश को दिए गए ₹58,000 करोड़ के समान पैकेज पंजाब को भी दिया जाए ताकि घरों का पुनर्निर्माण, कृषि का पुनर्जीवन, ग्रामीण ढांचे की बहाली और विस्थापित परिवारों को सहारा मिल सके।
2.पंजाब के लिए दो वर्ष का जीएसटी छूट – जिससे राज्य को आर्थिक नुकसान से उबरने और अपनी बर्बाद रीढ़ को संभालने का अवसर मिल सके। कांग ने याद दिलाया कि पंजाब को पहले ही जीएसटी संक्रमण के कारण ₹49,727 करोड़ का नुकसान हो चुका है, जबकि आरडीएफ और एमडीएफ में कटौती (₹8,000 करोड़) तथा पीएमजीएसवाई परियोजनाओं की रद्दीकरण (₹828 करोड़) ने राज्य की क्षमता को और कमजोर कर दिया है।
कंग ने चेतावनी दी, “पंजाब के ₹60,000 करोड़ से अधिक के बकाया अभी तक केंद्र से जारी नहीं हुए हैं। यदि तुरंत फंड जारी नहीं किया गया और राहत पैकेज नहीं दिया गया, तो हमारे लोगों की पीड़ा एक अकल्पनीय मानवीय त्रासदी में बदल जाएगी।” उन्होंने कहा कि पंजाब की त्रासदी केवल एक क्षेत्रीय चिंता नहीं बल्कि राष्ट्रीय आपातकाल है। “यदि पंजाब की खेती बर्बाद होती है, तो भारत की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। यदि पंजाब के सीमावर्ती गांव कमजोर पड़ते हैं, तो हमारी राष्ट्रीय रक्षा पर भी असर पड़ेगा। केंद्र को तत्काल संवेदनशीलता और तत्परता से कदम उठाना चाहिए।”
भावुक अपील करते हुए कंग ने प्रधानमंत्री से कहा:
“पंजाब का दर्द, भारत का दर्द है। हमारे किसान, हमारी सीमावर्ती परिवार, हमारे जुझारू बेटे-बेटियां आज उम्मीद से आपकी ओर देख रहे हैं। एक निर्णायक कदम न केवल पंजाब को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि भारत की एकता और गौरव को भी मजबूत करेगा। यह वही क्षण होना चाहिए जब भारत पंजाब को गले लगाए, जैसे पंजाब ने हमेशा भारत को गले लगाया है।”