पिछले दिनों नगर निगम जोन-सी में प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान को लेकर तथाकथित घोटाले का मुद्दा उठा था।
पिछले दिनों नगर निगम जोन-सी में प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान को लेकर तथाकथित घोटाले का मुद्दा उठा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने इस प्रकरण की जांच बैठाई थी। बताते हैं ज्वाइंट कमिश्नर अंकुर महेंद्रू ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है। जांच में कई तथ्य ऐसे सामने आये हैं, जो घोटाला होने के संकेत दे रहा है। जांच रिपोर्ट निगम कमिश्नर के पास पहुंचने के बाद इस प्रकरण में कभी भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदों में टैंपरिंग होने की पुष्टि हुई है, जिसे प्रशासनिक अधिकारी गंभीर अपराध के रूप में देख रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि प्रकरण में जहां नगर निगम के स्टाफ की कारगुजारी पर सवाल उठ रहे है, वहीं प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने वाले पक्ष के भी कुछ लोग शक के घेरे में हैं।
नगर निगम के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जोन-सी के जिस स्टाफ को शक के घेरे में लिया जा रहा है, वह खुद को बेकसूर बता रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने अपना नारको टैस्ट करवाने की पेशकश तक अधिकारियों के पास कर दी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मामला 29 ब्लाक की एक प्रॉपर्टी का है, जिसका साल 2013 से लेकर 2024-25 तक प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा गया था। टैक्स की अदायगी करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन जवाब मिला था कि यह चेरीटेबल संस्था है, जिस पर प्रॉपर्टी टैक्स लागू नहीं होता है। किंतु नियमों को देखते हुए 82 लाख रुपये जमा करवाने का नोटिस जारी किया गया।
जिसके बाद नगर निगम के खाते में 28 लाख रुपये जमा हुए है, जबकि रसीदें टैंपर कर रकम करीब 50 लाख रुपये कर दी गई है। यह रसीदें किस स्तर पर टैंपर हुई है, जांच में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया जांच में अभी तक यह सामने नहीं आया हैं कि उक्त धारक को कभी 3 करोड़ रुपये जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किया गया था।