भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राज्य सरकार द्वारा बेअदबी के खिलाफ लाए जा रहे विशेष विधेयक के लिए बुलाए विशेष सत्र पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राज्य सरकार द्वारा बेअदबी के खिलाफ लाए जा रहे विशेष विधेयक के लिए बुलाए विशेष सत्र पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ड्रामेबाजी की कड़ी में नया एपिसोड पेश करने के बजाय सरकार कुछ करके दिखाए। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस संबंध में उसने धार्मिक संस्थानों के साथ कोई विचार-विमर्श किया है और विधायकों को अभी तक विधेयक का मसौदा क्यों नहीं दिया गया।
पार्टी के नवनिर्वाचित कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के साथ करीब एक साल बाद प्रदेश मुख्यालय पहुंचे सुनील जाखड़ ने प्रैस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का रवैया पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर है और यदि सरकार नेकनीति से कोई कदम उठाती है तो उसका स्वागत करेगी। लेकिन सरकार को ड्रामेबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवंत सिंह मान सरकार की नाकामियों का बोझ इसके ड्रामों के प्रचार से कहीं बड़ा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2015 से अब तक राज्य में बेअदबी से संबंधित 300 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन क्या सरकार बताएगी कि मौजूदा कानून के तहत दोषियों को जो दो साल की सजा हो सकती है, वह कितने दोषियों को सजा दिलाने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मसौदा न तो सार्वजनिक किया गया, न ही विधायकों को दिया गया और न ही धार्मिक संस्थानों से इस संबंध में राय ली गई। उन्होंने यह भी सवाल किया कि धर्म के नाम पर बुराइयां फैलाने वालों पर रोक लगाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कानून में यह व्यवस्था भी होनी चाहिए कि यदि कोई नेता शराब पीकर किसी धार्मिक स्थल पर जाता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।
इसी तरह, लैंड पूलिंग नीति पर बोलते हुए पंजाब भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह पहली बार है कि कोई सरकार इतने बड़े पैमाने पर बिना सार्वजनिक जरूरत के जमीन अधिग्रहण कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे अरविंद केजरीवाल के चहेतों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पहले लैंड अधिग्रहण संबंधी शक्तियां मुख्यमंत्री से छीनकर मुख्य सचिव को दीं और अब अधिकारी बिना कैबिनेट की मंजूरी के ही जमीन अधिग्रहण कानून की धाराओं में बदलाव कर रहे हैं। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने के लिए 30 दिन के समय को चुपचाप घटाकर 15 दिन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के संबंध में कोई सार्वजनिक सूचना भी नहीं दी गई।
सुनील जाखड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मामले के सभी कानूनी पहलुओं की जांच कर रही है और इस लूट के खिलाफ अदालत में भी जाएगी। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि किसी भी किसान की एक इंच जमीन उसकी सहमति के बिना अधिग्रहित नहीं होने दी जाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति पर दुख जताते हुए कहा कि आज अरविंद केजरीवाल के नियंत्रण वाली सरकार के शासन में आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं और हर वर्ग में डर का माहौल है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब के आम आदमी पार्टी के नेता यह क्यों नहीं बताते कि लॉरेंस बिश्नोई के पंजाब की जेलों से साक्षात्कार किसने करवाए थे।