पंजाब सरकार ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले अपराधों पर सख्त रवैया अपनाते हुए बड़ा कदम उठाया है।
पंजाब सरकार ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले अपराधों पर सख्त रवैया अपनाते हुए बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि पंजाब विधानसभा में आज मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून लाने के उद्देश्य से नया बिल पेश किया। इस बिल का उद्देश्य राज्य में धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों पर रोक लगाना और दोषियों को कड़ी सजा दिलाना है।
बिल पेश किए जाने के बाद विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे पर विचार करने की मांग की। वहीं 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाई स्थगित की गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई इस अहम बैठक में यह फैसला लिया गया।
क्यों ज़रूरी था यह कानून?
पिछले कई वर्षों से पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों के बीच असंतोष बढ़ता गया था। इस मुद्दे को लेकर कई बार प्रदर्शन भी हुए और सरकार से सख्त कानून की मांग की जाती रही। अब सरकार ने लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस दिशा में ठोस कार्रवाई की है।
क्या हैं बिल की खास बातें:
धार्मिक ग्रंथों और पवित्र स्थलों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद की सज़ा दी जा सकेगी।
ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा।
दोषियों को पैरोल की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कानून को लागू करने से पहले सार्वजनिक राय और संस्थाओं से सुझाव लिए जाएंगे।
जनता और संगठनों से राय ली जाएगी
सरकार ने साफ किया है कि कानून को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न धार्मिक संगठनों, कानूनी विशेषज्ञों और आम नागरिकों से राय ली जाएगी ताकि इसे अधिक प्रभावशाली और संतुलित बनाया जा सके।