प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सबसे उम्रदराज़ मैराथन धावक फौजा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सबसे उम्रदराज़ मैराथन धावक फौजा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “फौजा सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे। उन्होंने अपने विशिष्ट व्यक्तित्व और फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय से भारत के युवाओं को प्रेरित किया। वे अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प वाले एक शानदार एथलीट थे। उनका निधन अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।”
टहलने निकले थे फौजा सिंह-
विश्व प्रसिद्ध एथलीट और सबसे उम्रदराज़ मैराथन धावक फौजा सिंह का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। 114 वर्षीय फौजा सिंह सोमवार सुबह टहलने निकले थे, तभी एक तेज़ रफ़्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल फौजा सिंह को तुरंत जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने खंगाले CCTV
दुर्घटना की सूचना मिलते ही जालंधर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की। साथ ही फरार चालक की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला।
कमजोरी को बनाया ताकत
फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के जालंधर के ब्यास गांव में हुआ था। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे, फौजा बचपन में शारीरिक रूप से कमज़ोर थे और पांच साल की उम्र तक चल नहीं सकते थे, लेकिन असाधारण इच्छाशक्ति से उन्होंने इस कमज़ोरी को अपनी ताकत बना लिया। बचपन से ही दौड़ने का शौक रखने वाले फौजा पर 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन का गहरा असर पड़ा।
100 वर्षीय मैराथन धावक
100 साल की उम्र में उन्होंने वर्ष 2011 में टोरंटो मैराथन को 8 घंटे, 11 मिनट और 6 सेकंड में पूरा करके विश्व रिकॉर्ड बनाया। वे दुनिया के पहले 100 वर्षीय मैराथन धावक बने, जिससे उन्हें दुनिया भर में पहचान मिली।