पंजाब विधानसभा में आज धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर प्रस्तुत किया गया बिल पास नहीं हो सका।
पंजाब विधानसभा में आज धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर प्रस्तुत किया गया बिल पास नहीं हो सका। यह बिल सीएम भगवंत मान द्वारा पेश किया गया था, जिसके बाद विधानसभा में इस मुद्दे पर गहरी बहस हुई। हालांकि, इसके बाद यह प्रस्ताव सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया, और इसे अब 6 महीने में पुनः पेश किया जाएगा।
-धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर बिल का महत्व
पंजाब में विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखने और किसी भी धार्मिक भावना को आहत किए बिना सभी के अधिकारों का सम्मान करने के लिए यह बिल अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा था। इसमें चारों प्रमुख धर्मों के ग्रंथों हिंदू, सिख, मुस्लिम और ईसाई की बेअदबी करने पर कठोर सजा का प्रावधान रखा गया था। इसमें सजा की अवधि 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
-सेलेक्ट कमेटी में समीक्षा
सीएम भगवंत मान के अनुसार, इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का निर्णय लिया गया है, ताकि विभिन्न धार्मिक संस्थाओं और समाज के अन्य वर्गों से राय ली जा सके। इसके लिए कमेटी को 6 महीने का समय दिया गया है। इस दौरान कमेटी इस बिल पर गहन विचार-विमर्श करेगी और संबंधित पक्षों के साथ संवाद कर बिल को और सटीक रूप से तैयार किया जाएगा।
-6 महीने बाद फिर से होगा पेश
6 महीने बाद, जब सेलेक्ट कमेटी अपने सुझावों के साथ तैयार हो जाएगी, तो इस बिल को फिर से पंजाब विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया कि इस बिल का उद्देश्य किसी भी धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि हर धर्म और ग्रंथ के प्रति सम्मान सुनिश्चित करना है।