पंजाब विधानसभा ने आज महान पंजाबी सिख धावक फौजा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पंजाब विधानसभा ने आज महान पंजाबी सिख धावक फौजा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह प्रस्ताव पंजाब के संसदीय कार्य मंत्री, डॉ. रवजोत सिंह ने प्रस्तुत किया, जिन्होंने शोक संदेश में कहा कि फौजा सिंह न केवल एक अविस्मरणीय खिलाड़ी थे, बल्कि उन्होंने अपने संघर्ष और समर्पण से दुनिया भर में सिख समुदाय का मान बढ़ाया।
114 वर्ष की आयु में बने प्रेरणा
114 वर्ष की आयु में, फौजा सिंह ने कई मैराथन दौड़ों में भाग लिया और अपनी ताकत और सहनशक्ति का प्रदर्शन कर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। उन्हें ‘सिख मैराथन रनर’ के नाम से भी जाना जाता था, और उनका जीवन पूरी दुनिया में एक मिसाल बन चुका था।
कल एक सड़क दुर्घटना में फौजा सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। वह अपने घर के पास टहल रहे थे, जब एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनका निधन हो गया।
मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,
“फौजा सिंह जी का नाम हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेगा। उन्होंने खेलों की दुनिया में जो मुकाम हासिल किया, वह हमें सिखाता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और यदि इरादा मजबूत हो, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।”
उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस गहरे दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
फौजा सिंह का योगदान केवल खेल के मैदान तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में सिख समुदाय की संस्कृति और मूल्यों का प्रचार भी किया। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि एक इंसान के रूप में उनके समर्पण को भी दर्शाती है।