पंजाब के विभिन्न जिलों में आज सेवा केंद्रों के कर्मचारियों ने वेतन में देरी और कटौती के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
पंजाब के विभिन्न जिलों में आज सेवा केंद्रों के कर्मचारियों ने वेतन में देरी और कटौती के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए, जिन्होंने जिला उपायुक्त कार्यालयों के बाहर अपनी आवाज बुलंद की। इससे आम लोगों को जरूरी सेवाएं प्राप्त करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
लुधियाना में 41 सेवा केंद्र रहे बंद
लुधियाना शहर के सभी 41 सेवा केंद्रों के शटर आज पूरी तरह से बंद रहे। इन केंद्रों में कार्यरत लगभग 300 से अधिक कर्मचारियों ने काम छोड़कर प्रदर्शन में भाग लिया। जिले में सामान्य जनसेवाओं जैसे आधार अपडेट, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों से संबंधित कार्य प्रभावित हुए।
वेतन कटौती से कर्मचारियों में आक्रोश
ज़िला सेवा केंद्र संघ के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को न सिर्फ वेतन दो महीने की देरी से मिलता है, बल्कि उस वेतन में भी मनमानी कटौती की जाती है। “हमारी मासिक तनख्वाह 10,500 रुपये है, लेकिन कटौती के बाद हमें सिर्फ 2800 से 3200 रुपये तक ही मिलते हैं,” गुरप्रीत सिंह ने बताया।
प्रबंधन बना रहा है अनदेखी
कर्मचारियों का आरोप है कि इस गंभीर स्थिति को लेकर कई बार प्रबंधन से संपर्क किया गया, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। “हर बार कहा जाता है कि आपको ईमेल आएगा, लेकिन न कोई मेल आता है और न ही कोई समाधान दिया जाता है,” उन्होंने कहा।
बिना छुट्टी, लगातार काम
कर्मचारियों का कहना है कि वे हफ्ते के सातों दिन बिना किसी अवकाश के काम कर रहे हैं, बावजूद इसके उन्हें ना समय पर वेतन मिल रहा है, और ना ही उचित सम्मान।
राज्यव्यापी असर
पंजाब में कुल 540 से अधिक सेवा केंद्र हैं और इनमें कार्यरत हजारों कर्मचारियों ने आज अपने-अपने जिलों में धरना-प्रदर्शन में भाग लिया। इस आंदोलन से राज्य भर में डिजिटल सेवाएं ठप हो गईं।