शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर आज मोहाली की अदालत में अहम सुनवाई हो रही है।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर आज मोहाली की अदालत में अहम सुनवाई हो रही है। सुबह 11 बजे शुरू हुई कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है और अब दोपहर 2 बजे फिर से बहस शुरू होने की उम्मीद है।
पिछली सुनवाई में करीब साढ़े चार घंटे तक गहन बहस चली थी, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अदालत आज कोई बड़ा फैसला सुना सकती है। मजीठिया की ओर से वकीलों ने सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है, जबकि सरकार का दावा है कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति से संबंधित ठोस सबूत मौजूद हैं।
-अमृतसर में दर्ज हुई एक और FIR
इसी बीच एक नई एफ़आईआर ने मामला और भी जटिल बना दिया है। अमृतसर में विजिलेंस टीम के काम में बाधा डालने के आरोप में मजीठिया और उनके समर्थकों पर एक और मामला दर्ज किया गया है। शिरोमणि अकाली दल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार “विफल जांच” को छुपाने के लिए नए मुकदमे गढ़ रही है।
अकाली दल के प्रवक्ताओं का कहना है कि जब पूर्व में दर्ज मामलों में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला, तब नई FIR कर सरकार जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
-गिरफ्तारी और जांच का दायरा
बिक्रम मजीठिया को 25 जून को अमृतसर से विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। उन पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और एनडीपीएस एक्ट के तहत पुराने मामलों की भी जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार, अब तक पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ईडी के पूर्व उप निदेशक समेत कुल छह लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
राज्य और केंद्र के कई शहरों पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मजीठिया की संपत्तियों पर छापेमारी हो चुकी है। सरकार का दावा है कि इन छापों में कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ मिले हैं, जबकि मजीठिया का बचाव पक्ष इसे एक राजनीतिक साजिश बता रहा है।