सिविल अस्पताल जालंधर में बीते दिनों ऑक्सीजन प्लांट में अचानक आई खराबी के बाद तीन मरीजों की हुई मौत के मामले में अब ऑक्सीजन प्लांट के सुपरवाइजर-कम-ऑपरेटर पर भी गाज गिर गई है।
सिविल अस्पताल जालंधर में बीते दिनों ऑक्सीजन प्लांट में अचानक आई खराबी के बाद तीन मरीजों की हुई मौत के मामले में अब ऑक्सीजन प्लांट के सुपरवाइजर-कम-ऑपरेटर पर भी गाज गिर गई है। सेहत मंत्री डा. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी करके सुपरवाइजर नरिंदर कुमार को तुरंत प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। हालांकि, इससे पहले सेहत मंत्री अस्पताल के एम.एस. डा. राज कुमार बद्धन, एस.एम.ओ. डा. सुरजीत सिंह, ड्यूटी ऑफिसर डा. सोनाक्षी को सस्पैंड, जबकि हाऊस सर्जन डा. शिमिंदर सिंह को पहले ही नौकरी से बर्खास्त कर चुके हैं।
बता दें कि सिविल अस्पताल में तीन मरीजों की हुई मौत की घटना के बाद हैल्थ मिनिस्टर डा. बलबीर सिंह ने जालंधर के मीडिया से मुखातिब होते समय इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कराने और आरोपी डाक्टरों व स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई को अंजाम देने की बात कही थी।
इसी कड़ी के तहत उन्होंने चंडीगढ़ की विशेष जांच टीम का गठन करके उन्हें इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था। जांच टीम की अगुवाई डायरैक्टर हैल्थ डा. अनिल गोयल कर रहे थे, जबकि टीम ने अन्य डाक्टर और टैक्निकल और नॉन-टैक्निकल स्टाफ भी शामिल था। डायरैक्टर हैल्थ डा. गोयल और उनकी टीम ने घटना के अगले ही दिन सिविल अस्पताल का दौरा करके अलग-अलग डाक्टरों और स्टाफ कर्मियों से घंटों लंबी पूछताछ के बाद उनके बयान कलमबद्ध किए थे।
गौर हो कि सिविल अस्पताल में घटित उक्त घटना के बाद सेहत मंत्री डा. बलबीर सिंह आरोपी डाक्टरों व स्टाफ से से किसी भी तरह का कोई लिहाज करने के मूड में है। फिलहाल इस घटना की जांच जारी है। यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी हो जाता है कि सिविल अस्पताल में इंस्टाल ऑक्सीजन प्लांट को चार स्टाफ कर्मी आपरेट किया करते थे। इनमें से दो कर्मी तो पहले ही नौकरी छोड़ चुके है और सेहत मंत्री ने तीसरे आपरेटर को बर्खास्त कर दिया है। ऐसे में अकेले आपरेटर के लिए सिविल के ऑक्सीजन प्लांट को आपरेट कर पाना इतना आसान न होगा।