पौंग बांध के बढ़ते जलस्तर ने शुक्रवार को एक बार फिर बी.बी.एम.बी. और पंजाब सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
पौंग बांध के बढ़ते जलस्तर ने शुक्रवार को एक बार फिर बी.बी.एम.बी. और पंजाब सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस संबंध में बी.बी.एम.बी. की तकनीकी कमेटी ने जवाब दिया है कि पंजाब में बाढ़ का कारण बी.बी.एम.बी. नहीं, बल्कि बांधों में 2023 की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक जल प्रवाह है और पंजाब सरकार द्वारा समय पर नदियों और नालों की सफाई और तटबंधों की मरम्मत न करना है।
आपको बता दें कि पौंग, रणजीत सागर और भाखड़ा बांधों के जलाशयों के जलस्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। तीनों बांध खतरे के निशान पर हैं और पौंग बांध में पानी की आवक पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़कर नए रिकॉर्ड बना रही है। शुक्रवार को भी पौंग डैम में एक लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी आया और डैम के फ्लड गेट से भी इतना ही पानी छोड़ना पड़ा। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भाखड़ा डैम के चारों फ्लड गेटों से 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 14 घंटे तक लगातार 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद डैम के जलाशय का जलस्तर सिर्फ 0.31 फीट ही कम हो सका।
दूसरी ओर रणजीत सागर डैम का जलस्तर शुक्रवार को 526.39 मीटर रहा। पिछले साल इसी दिन यह जलस्तर 501.61 मीटर दर्ज किया गया था। फिलहाल डैम का जला स्तर खतरे के निशान से सिर्फ 0.039 मीटर दूर है। शुक्रवार को डैम के जल स्तर में 49025 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जबकि डैम के फ्लड गेटों से 70,657 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
अगले 3 दिनों में फिर भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, 6 से 8 सितंबर तक पंजाब के साथ-साथ उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में भी भारी बारिश होने की संभावना है। अगर यह संभावना सच साबित होती है, तो बांधों के जलाशयों में पानी का प्रवाह बढ़ जाएगा और इस बार बांध अतिरिक्त पानी को संभाल नहीं पाएंगे और न चाहते हुए भी बांधों के फ्लड गेटों से पानी छोड़ने की क्षमता बढ़ा दी जाएगी, जिसका पंजाब के मैदानी इलाकों पर बुरा असर पड़ेगा। मौसम विभाग की जानकारी ने इस समय बी.बी.एम.बी. और पंजाब सरकार की चिंता बढ़ा दी है, जिसका समाधान फिलहाल दोनों के पास नहीं है। चाहकर भी, दोनों पंजाब के लोगों को बाढ़ के कहर से नहीं बचा पाएंगे।
पौंग बांध में बढ़ते जलस्तर का ग्राफ