बठिंडा से लगभग 12 किलोमीटर दूर जींदा गांव के खेतों में स्थित छप्पर के नजदीक एक घर में हुए विस्फोटों के तार शुरुआती जांच में आतंकवाद से जुड़ रहे हैं।
बठिंडा से लगभग 12 किलोमीटर दूर जींदा गांव के खेतों में स्थित छप्पर के नजदीक एक घर में हुए विस्फोटों के तार शुरुआती जांच में आतंकवाद से जुड़ रहे हैं। थाना नहियावाला पुलिस ने मुख्य आरोपी गुरप्रीत सिंह (19) के खिलाफ विस्फोटक सामग्री रखने और जनहानि पहुंचाने का केस दर्ज कर लिया है। शुक्रवार को सेना के खुफिया विभाग के साथ आतंकवाद निरोधक दस्तों ने भी मौका मुआयना किया। घायल पिता-पुत्र से अभी पूछताछ नहीं की गई है, लेकिन बेटे के मोबाइल फोन की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि वह पाकिस्तान स्थित आतंकी सरगना और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का प्रशंसक था। उसके फोन से मसूद अजहर और दूसरे आतंकियों के नंबर मिलने की सूचना है। उसके आईएसआई से सीधे संबंध होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। विस्फोट के अगले दिन गुरप्रीत को जम्मू-कश्मीर में कठुआ जाना था।
पुलिस का शुरुआती आकलन है कि उसके घर में जो विस्फोट हुआ, वह सामग्री उसने ऑनलाइन मंगाई थी। लगता है गुरप्रीत किसी डिब्बे में यह सामग्री रख रहा था तभी विस्फोट हुआ। उसका एक हाथ चिथड़े-चिथड़े हो गया है। मंगलवार शाम को विस्फोट होने पर पिता जगतार सिंह उसे आदेश अस्पताल ले गए। बेटे को अस्पताल छोड़कर वह बुधवार को घर लौटे और कमरों में बिखरी जमा सामग्री बटोरने लगे तो पहले से भी बड़ा धमाका हुआ। वह भी बुरी तरह झुलस गए। इसके बाद वीरवार को आदेश अस्पताल ने पुलिस को रुक्का भेजा। पुलिस ने गांव जाकर पूछताछ की। इनका घर गांव से हटकर है। विस्फोट घर के पीछे के कमरों में हुए। गांववाले कहते हैं, मंगलवार को पहला धमाका होने पर उन्हें बताया गया था कि सिलेंडर फटा है।
छह महीने पहले सिख वेशभूषा त्यागकर गंजा रहने लगा था
कठुआ क्यों जाना चाहता था गुरप्रीत
* पुलिस के सामने कई सवाल हैं। गुरप्रीत ने केमिकल्स कैसे और क्यों मंगवाए? वह कठुआ क्यों जाना चाहता था। क्या वह किसी वारदात को अंजाम देना चाहता था?
* एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि शुरुआती जाँच के अनुसार, यह युवक कुछ ऑनलाइन सामग्री मँगवाकर उसे इकट्ठा कर रहा था। उसने बुधवार रात को बठिंडा से ट्रेन पकड़कर जम्मू-कश्मीर जाना था।
* परिवार में मां-बाप और बेटे ही हैं। घर की माली हालत सामान्य है। पिता जगतार के पास बहुत कम जमीन है। वह ठेके पर खेती करता है।
छह महीनों से बेटा अकेला रहने लगा था
* गुरप्रीत ने पिछले साल गांव के सरकारी स्कूल से प्लस टू पास की। इसके बाद बठिंडा में एलएलबी में दाखिला लिया मगर वह आमतौर पर कालेज नहीं जाता था।
*उसे जानने वाले युवकों ने कहा कि छह महीनों से वह सबसे कटऑफ हो चुका था। फोन पर ही समय बिताता था।
नया आईफोन और बाइक देख पिता को शक हो गया था
*पुलिस जांच के अनुसार, छह महीने पहले गुरप्रीत ने पहले लगभग 1.35 लाख रुपए का आईफोन खरीदा और फिर एक नई बाइक भी ले ले थी। पिता ने इसके बारे में पूछताछ की तो उसने कह दिया कि उसे मामा ने ये चीजें दिलाई हैं।
*पिता ने संगरूर स्थित अपने साले से पूछा कि इतनी महंगी चीजें क्यों दिलाई हैं तो उसने कहा कि उसने गुरप्रीत को न तो पैसे दिए हैं और न ही सामान दिलवाया है। इसके बाद गुरप्रीत सिंह ने परिवार में बातचीत बंद कर दी। वह अपने कमरे के दरवाजे बंद कर रखता था।
* पता चला है कि गुरप्रीत पहले सिख वेशभूषा में रहता था, लेकिन फिर वह कभी मौलानाओं की तरह दाढ़ी-मूंछ रखने लगा तो कभी गंजा रहने लगा। विस्फोट के दौरान वह गंजा था।
*वह घर में मां से भी ज्यादा बात नहीं करता था। मां उसे खाना खाने के लिए बुलाती थी तो वह कहता था कि खाना रख दो, खुद ले लेगा। मां ने कहा, हम इसी बात से संतुष्ट थे कि हमारा बेटा नशा नहीं करता है।