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‘अगर दोषी हूं तो फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं…’, FIR को लेकर क्या बोले पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा?

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बेटे अकील अख्तर की मौत को लेकर परिवार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने चुप्पी तोड़ी है.

पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने बेटे अकील अख्तर की मौत को लेकर पहली बार चुप्पी तोड़ी है. गौरतलब है कि इस मामले में उनके अलावा उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना, बेटी और बहू के खिलाफ आरोप और एफआईआर दर्ज की गई है. सहारनपुर में मीडिया से बात करते हुए मुस्तफा ने कई खुलासे किए. एएनआई से बातचीत में मुस्तफा ने कहा कि एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुख अपनी औलाद को खोना होता है. अकील 18 साल तक नशे की लत से जूझता रहा. इसी नशे की ओवरडोज के कारण उनके बेटे की मौत हुई है. उन पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

पंचकूला में बेहोशी की हालत में मिले थे अकील

35 वर्षीय अकील अख्तर पंचकूला के सेक्टर 4 स्थित अपने घर में बेहोशी की हालत में पाए गए और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस को शुरुआत में किसी भी तरह की गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले थे, लेकिन वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट सामने आने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया. शम्सुद्दीन चौधरी की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. चौधरी का दावा है कि अकील को बंधक बनाकर रखा गया था और उसने अपनी मौत से पहले एक वीडियो में परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे. मुस्तफा ने शम्सुद्दीन चौधरी को एक राजनेता का मोहरा बताया. अपने ऊपर लगे आरोपों का ज़िक्र करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा, उन पर आरोप लगाने वाला शम्सुद्दीन एक विधायक का पीए है. उन्होंने बेटे का कई जगह इलाज कराया, लेकिन जब आरोप लगे तो आज मैंने अपने अंदर के पिता को दफना दिया है और अब एक सिपाही की तरह आरोपों का सामना करूंगा.”

पिता हमेशा बेटे को गलतियों से बचाता है

पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा आगे कहते हैं कि इकलौते बेटे को खोने के सदमे के उनके अंदर के सिपाही को जगा दिया है, ताकि वो छोटी सोच वालों के खिलाफ खड़े हो सकें. बच्चा चाहे कितनी भी गलतियां करे, पिता हमेशा उन्हें दुनिया से बचाता है, फिर भी, कुछ लोगों ने अपनी घटिया राजनीति के लिए इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की है. उन्हें इस बात से इसलिए डर नहीं लगता, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. क्या आपने कभी किसी पिता को अपने ही बेटे की हत्या करते सुना है? मां, बेटी या बहू को ऐसे अपराध में शामिल होते सुना है?” मैं खुद को उन बदकिस्मत पिताओं में से एक मानता हूँ जो इस असहनीय स्थिति का सामना कर रहे हैं… वह हर जांच में सहयोग देंगे, ताकि सच्चाई दुनिया के सामने आ सके.

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