स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत सरफेस वाटर प्रोजैक्ट के कार्यों को गति देने के लिए जालंधर की 6 नई सड़कों को खोदने की तैयारी शुरू हो गई है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत सरफेस वाटर प्रोजैक्ट के कार्यों को गति देने के लिए जालंधर की 6 नई सड़कों को खोदने की तैयारी शुरू हो गई है। इन सड़कों की कुल लंबाई 4.50 किलोमीटर है और इनमें भूमिगत पाइपलाइन बिछाने का कार्य होना है। नगर निगम द्वारा सर्वे और निर्माण का एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है, हालांकि निर्माण कार्य बारिश थमने के बाद ही शुरू किया जाएगा।
पहले भी हो चुकी है परेशानी, अब फिर दोहराएगी कहानी
गौरतलब है कि इससे पहले खोदी गई 8 सड़कों की हालत आज भी खराब है। मानसून में गड्ढों और पानी भराव के चलते राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब 6 और सड़कों की खुदाई से नागरिकों की परेशानी और बढ़ सकती है। मिट्टी बैठने और जलभराव के कारण ये सड़कें दुर्घटनाओं का कारण भी बन सकती हैं।
प्रोजेक्ट की डेडलाइन पार, फिर भी अधूरा काम
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत शहर की आंतरिक सड़कों में कुल 98 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी है, लेकिन अब तक केवल 58 किलोमीटर ही काम पूरा हो पाया है। जगरावां से सिटी तक 15.50 किलोमीटर की मेन लाइन में से 14.70 किलोमीटर बिछाई जा चुकी है। बरसात के कारण धन्नोवाली क्षेत्र में फिलहाल कार्य बंद है।
प्रोजेक्ट की मूल डेडलाइन सितंबर 2023 थी, लेकिन कार्य अधूरा रहने के कारण सीवरेज बोर्ड ने ठेका एजेंसी को दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने का आदेश दिया। हालांकि एजेंसी ने मार्च 2026 तक का समय मांगा है, जिसकी मंजूरी अभी चंडीगढ़ से नहीं मिली है। यदि तय समय में काम पूरा नहीं हुआ, तो एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जाएगी।
निगम और बोर्ड दोनों कर रहे प्रयास
सीवरेज बोर्ड द्वारा काम की रफ्तार बढ़ाने के लिए नगर निगम को छह नई सड़कों की खुदाई के लिए पत्र भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी दे दी गई है। सड़कों की स्थिति को देखते हुए निगम ने पहले ही सर्वे करवाकर निर्माण के लिए बजट तय कर लिया है।
बारिश के बाद ये सड़कें फिर से बनाई जाएंगी, लेकिन तब तक लोगों को रोजाना की आवाजाही में काफी दिक्कतें झेलनी होंगी।