पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के आवास पर हुए सनसनीखेज ग्रेनेड हमले की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है।
पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के आवास पर हुए सनसनीखेज ग्रेनेड हमले की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। इन आरोपियों का संबंध प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा पाया गया है।
चार आरोपियों के नाम शामिल, दो अभी भी फरार
एनआईए द्वारा दाखिल किए गए आरोपपत्र में चार लोगों के नाम हैं:
– सैदुल अमीन (अमरोहा, उत्तर प्रदेश) — गिरफ्तार
– अभिजोत जांगड़ा (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) — गिरफ्तार
– कुलबीर सिंह सिद्धू (यमुनानगर, हरियाणा) — फरार
– मनीष उर्फ काका राणा (करनाल, हरियाणा) — फरार
इन चारों पर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
7 अप्रैल 2025 की रात को हुआ था हमला
पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के जालंधर स्थित आवास पर यह हमला 7 अप्रैल की रात को हुआ था, जब अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका था। हालांकि, इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं थी, लेकिन यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़े खतरे का संकेत बन गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने 12 अप्रैल को इस केस की जांच अपने हाथ में ली।
जांच में बड़ा खुलासा: पंजाब में दहशत और जबरन वसूली की थी योजना
एनआईए की जांच में सामने आया कि यह हमला एक सुनियोजित आतंकी साजिश का हिस्सा था। कुलबीर सिंह सिद्धू, जो बीकेआई का सक्रिय कार्यकर्ता है, ने अपने सहयोगी मनीष उर्फ काका राणा के साथ मिलकर एक आतंकी नेटवर्क तैयार किया। इस गिरोह का उद्देश्य पंजाब के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाना, समाज में डर का माहौल बनाना और बीकेआई के लिए धन उगाही करना था।
हमले में इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड कुलबीर सिंह ने ही उपलब्ध कराया था, जबकि सैदुल अमीन ने इसे कालिया के घर पर फेंका। अभिजोत जांगड़ा ने इस ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता दी। हमले के बाद, कुलबीर और मनीष ने एक पोस्टर जारी कर हमले की जिम्मेदारी भी ली थी।
कुलबीर सिंह पर 10 लाख का इनाम, रेड कॉर्नर नोटिस जारी
एनआईए ने बताया कि फरार आतंकी कुलबीर सिंह सिद्धू को पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है और उसकी गिरफ्तारी पर ₹10 लाख का इनाम घोषित किया गया है। गौरतलब है कि कुलबीर पर पहले भी गंभीर आतंकी मामले दर्ज हैं। अप्रैल 2024 में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता विकास प्रभाकर की हत्या में भी एनआईए ने उसके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
एनआईए की जांच जारी, BKI नेटवर्क पर सख्त निगरानी
एनआईए ने कहा है कि वह फरार आतंकियों को जल्द पकड़ने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। साथ ही, भारत में बीकेआई के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सक्रिय मॉनिटरिंग और ऑपरेशनल कार्रवाई की जा रही है।