जालंधर उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि ज़िला प्रशासन बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जालंधर उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि ज़िला प्रशासन बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि हालाँकि ज़िले में बाढ़ का कोई ख़तरा नहीं है, फिर भी ज़िला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
उपायुक्त ने कहा कि लोगों को बिल्कुल भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि ज़िला प्रशासन बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि ज़िले में फ़िलहाल बाढ़ का कोई ख़तरा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद ज़िले के अधिकारियों को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित एसडीएम व्यक्तिगत रूप से फ़ील्ड में जाकर स्थिति का आकलन कर रहे हैं और लोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
बाढ़ क्षेत्रों में की गई मॉक ड्रिल
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उपमंडल शाहकोट के संभावित बाढ़ क्षेत्रों में एसडीएम शाहकोट शुभी आंगरा के नेतृत्व में मॉक ड्रिल की गई। उन्होंने बताया कि इससे पहले 8 जुलाई को फिल्लौर में भी मॉक ड्रिल की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल के दौरान जहां प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने का अभ्यास करता है, वहीं ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयारियों को और पुख्ता किया जाता है।
इसके अलावा, बाढ़ जैसी स्थिति के दौरान प्रभावित लोगों द्वारा उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों से भी अवगत कराया जाता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पंजाब में किसी भी संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने और प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत प्रदान करने के लिए जालंधर के सर्किट हाउस में एक राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत है।
सरकार द्वारा HELPLINE नंबर जारी
सरकार द्वारा एक आपातकालीन नंबर 0181-2240064 भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य बाढ़ की रोकथाम और प्रबंधन को और मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि राज्य नियंत्रण कक्ष के अलावा, जिला प्रशासन ने जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष पहले ही स्थापित कर दिया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 0181-2224417 है। उन्होंने बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए जिले में 54 राहत शिविर भी चिन्हित किए गए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि यदि सतलुज नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो प्रशासन बिना किसी देरी के राहत कार्य चलाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था और तैयारियों के साथ तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास पर्याप्त संख्या में रेत की बोरियाँ, आवश्यक मशीनरी और बचाव दल तैयार हैं।
उपायुक्त ने बताया कि नाव, लाइफ जैकेट, तिरपाल, जल निकासी पंप सहित आवश्यक मशीनरी उपलब्ध है। इसके अलावा, जहाँ विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के साथ भी समन्वय स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि दवाइयों आदि की व्यवस्था कर ली गई है, जिनका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करेगा, वहीं कृषि विभाग पशुओं के लिए चारे आदि की भी व्यवस्था करेगा।