जालंधर में प्रतिबंध के बावजूद चाइना डोर (मांझा) से जुड़ी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
जालंधर में प्रतिबंध के बावजूद चाइना डोर (मांझा) से जुड़ी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में एक बाइक सवार युवक चाइना डोर की चपेट में आ गया, जिससे उसका आधा कान कट गया और उंगली भी गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसा इतना भयावह था कि युवक को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां डॉक्टरों को उसके कान में करीब 15 टांके लगाने पड़े।
सड़क के ऊपर लटकी थी जानलेवा डोर
पीड़ित युवक ने बताया कि वह बाइक से जा रहा था, तभी अचानक सड़क के ऊपर लटकी पतली चाइना डोर उसके गले और कान से टकरा गई। डोर इतनी बारीक और तेज थी कि उसे समय रहते देख पाना संभव नहीं था। युवक का कहना है कि अगर डोर गले में फंस जाती, तो उसकी जान भी जा सकती थी। उसने इसे अपनी जिंदगी का “दूसरा जन्म” बताया।
प्रशासन पर उठे सवाल
घायल युवक ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उसका आरोप है कि चाइना डोर पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद यह खुलेआम बाजारों और रिहायशी इलाकों में बेची जा रही है। कई घरों में आज भी गट्टू और चाइना मांझा आसानी से उपलब्ध है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित है। कभी-कभार मांझा जब्त कर लिया जाता है, जबकि इसकी सप्लाई चेन जस की तस बनी रहती है।
लोगों से की जागरूकता की अपील
पीड़ित ने मीडिया के माध्यम से लोगों, विशेषकर माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों को चाइना डोर बिल्कुल न दें। उसने कहा कि यह न केवल इंसानों के लिए जानलेवा है, बल्कि पक्षियों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित होती है। युवक ने मांग की कि प्रशासन को सख्त कदम उठाते हुए चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
इलाके में बढ़ा आक्रोश, पूर्ण प्रतिबंध की मांग
घटना के बाद इलाके में लोगों में भारी रोष देखा गया। स्थानीय निवासियों ने चाइना डोर पर पूरी तरह से प्रभावी प्रतिबंध लगाने, सख्त चेकिंग टीमों के गठन और सप्लाई नेटवर्क को तोड़ने की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन दिखावटी कार्रवाई से आगे बढ़कर ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे।