बॉलीवुड एक्ट्रेस Kangana Ranaut एक बार फिर अपनी बेबाक बयानों के कारण फंस गई है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत का शायद स्क्रू ढीला है, क्योंकि ऐसे लीडर को गलत बातें नहीं करनी चाहिए। किसी की प्रॉब्लम को लेकर लीडर को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जैसे कि कंगना ने महिला पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 100-100 रुपए धरने पर महिलाएं आ जाती हैं। पूर्व मंत्री परगट सिंह ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करने के लिए किसी भी नेता को कोई कानून अनुमति नहीं देता।
गौरतलब है कि खेत कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान गांव बहादरगढ़ जंडियों की वरिष्ठ महिला किसान महिंदर कौर के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करने के मामले में भाजपा सांसद कंगना रनौत को फिर से बठिंडा कोर्ट से समन जारी किए गए हैं।
राहुल गांधी मामले में SGPC के फैसले को बताया गलत
वहीं ऐतिहासिक गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सिरोपा पहनाए जाने के मामले में आज एसीजीपीसी द्वारा मैनेजर परगट सिंह को नोटिस देते हुए उनकी स्थानांतरण किसी अन्य स्थान पर किए जाने के अलावा उस समय ड्यूटी पर उपस्थित ना होने वाले एक कथावाचक और एक सेवक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। वहीं विधायक परगट सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए। गुरुद्वारा साहिब में किसी भी धर्म से आने वाले को मना नहीं किया जा सकता। गुरुद्वारा साहिब के चारों द्वार सभी के लिए खुले है, अगर हम कहीं छोटी सोच रखेंगे तो कहीं ना कहीं हम धार्मिक एंगल से गलत कर रहे है। परगट सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि एसजीपीसी सही नहीं कर रही है।
हमारे देश में लीडर सिक्योर नहीं
दूसरी ओर आंतकी गुरपतवंत पन्नू द्वारा अमृतसर-हरिद्वार ट्रेन पर गलत शब्द लिखने के मामले में ऐसे लोगों को नकारने की परगट सिंह ने अपील की है। ट्रेन पर लिखे शब्दों पर कहा कि एजेंसी इस मामले में सख्त है। राहुल गांधी के पंजाब दौरे पर कहा कि वह एक ऐसा नेता है जो लोगों के बीच में जाकर उनसे विचार विर्मश करके लोकसभा में मुद्दों को उठाता है। यही कारण है कि वह बाढ़ प्रभावित इलाकों में आकर लोगों से मुलाकात करने पहुंचे। लेकिन रावी दरिया के पास उन्हें आगे जाने से रोकना निंदनीय है। परगट ने कहाकि हमारे देश में लीडर सिक्योर नहीं है, ऐसे में क्या वहां पर बस रहे 7 से 8 गांवों के लोगों को लेकर हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है और हम क्या उनके लिए सिक्योर नहीं है, यही मैसेज राहुल गांधी देना चाहते थे।