चंडीगढ़ के सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से एक फुट ऊपर पहुंचने के बाद प्रशासन ने दोनों फ्लड गेट खोल दिए।
चंडीगढ़ के सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से एक फुट ऊपर पहुंचने के बाद प्रशासन ने दोनों फ्लड गेट खोल दिए। इसके चलते लेक का पानी गांव किशनगढ़ में घुस गया और कई घरों तक पहुंच गया। वहीं, मोहाली और पंचकूला में भी हालात खराब हैं। मोहाली के डेराबस्सी में घग्गर के किनारे 9 गांव तिवाना, खजूरमंडी, साघनपुर, सरसिनी, आलमगीर, दंगढेरा, मुबारिकपुर, मीरपुर और बकरपुर शामिल हैं। इन गावों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सुबह 8 बजे, घग्गर नदी में पानी का बहाव 70,000 क्यूसिक को पार कर गया। जिसके, बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। डेराबस्सी के एसडीएम अमित कुमार ने पुष्टि की कि पुलिस, जल निकासी और राजस्व विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। देहर-आलमगीर-तिवाना लिंक तटबंध चिंता का विषय बना हुआ है।
2023 में यहां 4,500 फुट की दरार के कारण कृषि भूमि को भारी नुक्सान हुआ था। इस बीच, चंडीगढ़ में सुखना लेक के तीन में से दो फ्लड गेट खोल दिए गए। एक सुबह 3.30 बजे और दूसरा सुबह 4 बजे, क्योंकि लेक का जलस्तर 1,163 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया था। वहीं, रात भर हुई भारी बारिश ने एक बार फिर पंचकूला जिले के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बरवाला के पास स्थित खतौली गांव में, एक स्थानीय पुल से लगी सड़क पानी के तेज बहाव के कारण नीचे की मिट्टी के कटाव के बाद ढह गई। निचले इलाकों और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और जिला प्रशासन से मिलने वाली जानकारी पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
प्रमुख बांधों का जलस्तर घटा, बाढ़ प्रभावित इलाकों में थोड़ी राहत
चंडीगढ़: पंजाब में प्रमुख बांधों का जलस्तर घटने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत महसूस की जा रही है। अधिकारियों ने बताया है कि पौंग बांध, रंजीत सागर बांध और भाखड़ा बांध में पानी का बहाव काफी कम हो गया है। शुक्रवार तक, पौंग बांध का जलस्तर 1392.46 फीट पर था, जो पहले दर्ज किए गए 1393.63 फीट से कम है। बहाव 1,44,741 क्यूसिक से घटकर 61,371 क्यूसिक हो गया है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) जलस्तर को 1,390 फीट के आसपास बनाए रखे हुए है। रणजीत सागर बांध में जलस्तर 1 मीटर घटकर 526 मीटर से 525 मीटर हो गया है।