शाही शहर पटियाला के विकास के लिए बनी पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी पिछले काफी समय से ठप पड़ी हुई है।
शाही शहर पटियाला के विकास के लिए बनी पटियाला डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पी.डी.ए.) पिछले काफी समय से ठप पड़ी हुई है, जिससे लोगों में भारी नाराजगी है। जिन लोगों ने अनधिकृत कॉलोनियों के प्लॉट नियमित करवाकर घर बनाना या अपनी जरूरत के लिए बेचना है, उन्हें पी.डी.ए. द्वारा एन.ओ.सी. जारी की जाती है, लेकिन पिछले 15 दिनों से यह जारी नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार पी.डी.ए. के एडिशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर छुट्टी (ए.सी.ए.) पर हैं। उनकी जगह सरकार ने पुड्डा के ए.सी.ए. हैडक्वार्टर राकेश पोपली को एडिशनल चार्ज दिया है, लेकिन उन्होंने अभी तक काम शुरू नहीं किया और पी.डी.ए. कार्यालय भी नहीं आए। रोजाना लोग अपनी एन.ओ.सी. के लिए पी.डी.ए. कार्यालय जा रहे हैं, लेकिन उन्हें जवाब मिलता है कि “ए.सी.ए. साहिब नहीं हैं, इसलिए एन.ओ.सी. नहीं हुई।”
जिन लोगों के बयाने हुए हैं, वे बेहद परेशान हैं, क्योंकि यदि समय पर रजिस्ट्री नहीं हुई तो कई प्रकार की कानूनी लड़ाइयां शुरू हो सकती हैं। पंजाब सरकार को फीडबैक मिला था कि एन.ओ.सी. के कारण लोग बहुत परेशान हैं, इसलिए सरकार ने एन.ओ.सी. की कालरिज खत्म कर दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया, जिससे लोग अब भी एन.ओ.सी. करवाने के लिए प्रयासरत हैं, पर पटियाला में यह नहीं हो पा रही।
संपत्ति व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सीधे तौर पर सरकार के खजाने का नुकसान है और लोगों की भी परेशानियों का कारण बन रहा है। एन.ओ.सी. जारी न होने से सरकार की छवि खराब हो रही है, जिसका नुकसान आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
घनौर में नायब तहसीलदार नहीं होने से लोग परेशान
जिले से लगे घनौर कस्बे में लंबे समय से नायब तहसीलदार की पोस्ट खाली है। लोग अपने सरकारी कामकाज के लिए तहसील कार्यालय जाते हैं, लेकिन उनका काम नहीं होता क्योंकि अस्थायी तौर पर नायब तहसीलदार के रूप में तैनात अधिकारी केवल रजिस्ट्री करने का अधिकार रखते हैं। किसी भी प्रकार के एफिडेविट या राजस्व के अन्य मामले वह नहीं कर सकते, जिससे लोगों को राजपुरा जाना पड़ता है।
भारतीय किसान उत्थान मजदूर यूनियन के प्रदेश प्रचार सचिव जत्थे. सुखजीत सिंह बघौरा ने कहा कि जब वे खुद अपनी जमीन का कोई काम करवाने गए तो उनका काम नहीं किया गया और कहा गया कि इसे करवाने के लिए उन्हें राजपुरा तहसील जाना पड़ेगा। बघौरा ने कहा कि घनौर के लोग पहले ही बाढ़ पीड़ित हैं, ऐसे में उन्हें किराया खर्च करके राजपुरा भेजना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने एफ.सी.आर. पंजाब और डिप्टी कमिश्नर पटियाला से मांग की कि घनौर सब तहसील में नियमित नायब तहसीलदार तैनात किया जाए ताकि वह रजिस्ट्री के साथ-साथ राजस्व विभाग के अन्य आवश्यक काम भी कर सकें।