चंडीगढ़ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हरित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है।
शहर को मिलने वाली 25 नई इलेक्ट्रिक बसों में से 15 बसें चंडीगढ़ पहुंच चुकी हैं, जबकि शेष 10 बसें अगले एक सप्ताह के भीतर आ जाएंगी। सभी बसों के आने के बाद इन्हें औपचारिक रूप से आम जनता के लिए शुरू किया जाएगा।
इन अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण अशोक लेलैंड की सहयोगी कंपनी PMI इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस और स्विच मोबिलिटी द्वारा किया गया है। ये बसें 15 साल पुरानी 84 डीज़ल बसों की जगह लेंगी। नई बसों को शामिल करने की प्रक्रिया 20 नवंबर से शुरू हुई थी, जिसमें सबसे पहले एक प्रोटोटाइप बस को ट्रायल के लिए भेजा गया था।
CIRT की जांच के बाद मिली हरी झंडी
सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) की विशेषज्ञ टीम ने प्रोटोटाइप बस का तकनीकी निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को सौंपी। रिपोर्ट को मंज़ूरी मिलते ही बसों की सप्लाई का रास्ता साफ हो गया और इसके बाद एक-एक करके बसें चंडीगढ़ पहुंचने लगीं।
VAT लीजिंग मॉडल पर ली गईं बसें
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) ने इन बसों को VAT लीजिंग मॉडल के तहत शामिल किया है। इस व्यवस्था में CTU को बसों की खरीद पर कोई प्रारंभिक खर्च नहीं करना पड़ा है। बसों की खरीद, ड्राइवरों का वेतन और मेंटेनेंस जैसी जिम्मेदारियां पूरी तरह से निर्माण कंपनी की होंगी। नॉर्थ इंडिया में इस मॉडल का पहला सरकारी प्रयोग हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2004 में किया था, जहां प्राइवेट ऑपरेटरों से वोल्वो बसें ली गई थीं।
ड्राइवर कंपनी के, कंडक्टर CTU के
समझौते के अनुसार, बसों के ड्राइवर कंपनी द्वारा नियुक्त किए जाएंगे और मेंटेनेंस का पूरा खर्च भी वही उठाएगी। वहीं, कंडक्टर CTU के होंगे। CTU कंपनी को प्रति किलोमीटर 61 रुपये की दर से भुगतान करेगी। ड्राइवरों का वेतन भी इसी भुगतान व्यवस्था में शामिल रहेगा।
अप्रैल तक आएंगी 75 और बसें
ये 25 इलेक्ट्रिक बसें CTU को मिलने वाली कुल 100 बसों के पहले चरण का हिस्सा हैं। शेष 75 बसें अगले साल अप्रैल से पहले शहर में पहुंच जाएंगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सितंबर में चंडीगढ़ को 328 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक बसें देने की घोषणा भी की है।
फिलहाल शहर में CTU की 40 इलेक्ट्रिक बसें पहले से संचालित हो रही हैं। आने वाले समय में सभी डीज़ल बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर पूरी लोकल बस सेवा को इलेक्ट्रिक किया जाएगा। इस योजना के पूरा होने के बाद चंडीगढ़ की सड़कों पर कुल 468 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, जिससे शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त बन सकेगी।