पंजाब में भारी बारिश के चलते सतलुज नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है।
पंजाब में भारी बारिश के चलते सतलुज नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। नांगल डैम से नदी में 30,550 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक क्षेत्र में कई गाँव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
यूकेलिप्टस का पेड़ बना जीवन रक्षक
एनडीआरएफ की टीम ने एक साहसिक बचाव अभियान में चार युवकों को बचाया, जो बाढ़ में बहकर पाकिस्तान सीमा तक पहुंच गए थे। ये युवक एक यूकेलिप्टस के पेड़ से चिपके हुए मिले, जो कि जीरो लाइन के पास पाकिस्तान की सीमा में था। अगर वे पेड़ की पकड़ न छोड़ते, तो संभवतः सीमा पार बह जाते।
इन युवकों में से एक, 16 वर्षीय लड़का फाजिल्का के तेजा रोहेला गाँव का निवासी है, जो बाढ़ के पानी में फंस गया था। तीन अन्य युवक उसे बचाने पहुंचे, लेकिन तेज बहाव में वे भी बह गए। किस्मत से सभी एक ही पेड़ के सहारे बच पाए।
खोड़े बेट में मौत का मंजर
डेरा बाबा नानक के पास स्थित खोड़े बेट गाँव में पानी के तेज बहाव में दो लोग बह गए। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एक महिला को समय रहते बचा लिया गया, लेकिन एक अन्य व्यक्ति की जान नहीं बचाई जा सकी।
पंजाब में रिकॉर्ड बारिश, सीमावर्ती ज़िले संकट में
राज्य में 24 घंटों के भीतर सामान्य से 243% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जहां आमतौर पर अगस्त के अंत में औसतन 4.2 मिमी बारिश होती है, इस बार 14.4 मिमी बारिश हुई। अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर और तरनतारन जैसे ज़िलों में बाढ़ का गंभीर असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने बढ़ाया मदद का हाथ
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत और बचाव कार्यों को तेज़ी देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपना सरकारी हेलीकॉप्टर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए समर्पित कर दिया है।
सरकार और राहत एजेंसियां अलर्ट पर
एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लगातार बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। सीमावर्ती इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है और चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।