पंजाब में मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
पंजाब में मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि राज्य के कई जिलों गुरदासपुर, मुकेरियां, पठानकोट, सुल्तानपुर, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में भारी बारिश की संभावना है। लगातार बारिश से पहले से ही प्रभावित इलाकों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
पौंग बांध का जलस्तर खतरे के पार
जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश का पौंग बांध खतरे के निशान से ऊपर चला गया है, जिससे पंजाब के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। पानी छोड़े जाने की स्थिति में ब्यास और सतलुज नदी के आसपास बसे गांवों पर असर पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री करेंगे दौरा
मुख्यमंत्री भगवंत मान तमिलनाडु दौरे से लौटने के बाद आज गुरदासपुर और पठानकोट का दौरा करेंगे। वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेंगे और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे। राज्य सरकार का कहना है कि प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर रखे हुए है। हालांकि विपक्ष लगातार सरकार को घेरते हुए यह आरोप लगा रहा है कि बाढ़ प्रबंधन को लेकर पर्याप्त तैयारी नहीं की गई।
भाखड़ा बांध की स्थिति
भाखड़ा बांध का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है। आज सुबह इसका जलस्तर 1671.49 फीट रिकॉर्ड किया गया, जबकि यह बांध अधिकतम 1680 फीट तक पानी रोक सकता है। यानी फिलहाल यह 9 फीट नीचे है। हालांकि लगातार बारिश के कारण इसमें पानी की आमद बढ़ गई है।
आज सुबह भाखड़ा बांध में 58,997 क्यूसेक पानी पहुंचा, जिसमें से 43,635 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। छोड़ा गया पानी नंगल बांध तक पहुंचता है और वहां से दो प्रमुख नहरों तथा सतलुज नदी के जरिए आगे बढ़ाया जाता है। नंगल हाइडल चैनल नहर में 12,500 क्यूसेक, आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल नहर में 10,150 क्यूसेक और सतलुज नदी में 21,150 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बाढ़ का खतरा बरकरार
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे पंजाब के लिए बेहद अहम हैं। यदि भारी बारिश का दौर जारी रहा तो सतलुज और ब्यास नदी का जलस्तर और ऊपर जा सकता है। इससे तरनतारन, फिरोजपुर और कपूरथला समेत कई निचले जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
राज्य सरकार ने राहत और बचाव टीमों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर न जाएं और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
लगातार बढ़ते जलस्तर और भारी बारिश के अलर्ट के बीच पंजाब के लोग चिंता में हैं। सरकार की कोशिश है कि राहत कार्यों को तेज किया जाए और बाढ़ प्रभावित इलाकों को सुरक्षित रखा जा सके।