पंजाब में मौसम ने करवट लेने के संकेत दे दिए हैं। मौसम विभाग ने पठानकोट, होशियारपुर, रूपनगर और मोहाली ज़िलों में कल 16 सितंबर से हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। इससे एक ओर जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिल सकती है, वहीं किसानों के लिए सतर्क रहने का समय है।
राज्य के अधिकतर हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से गर्मी का असर बना हुआ था। सोमवार को बठिंडा सबसे गर्म रहा, जहाँ अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, लुधियाना में न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो राज्य में सबसे कम था।
हालांकि, मौसम विभाग ने फिलहाल कोई आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं की है, लेकिन किसानों को सलाह दी गई है कि वे बारिश की संभावना को देखते हुए फसलों की निगरानी रखें, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां बारिश की संभावना अधिक है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 17 और 18 सितंबर को राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है, जिससे कृषि कार्यों और ग्रामीण इलाकों में असर पड़ सकता है।
नदियों का जलस्तर घटा,
राज्य के पहाड़ी इलाकों में कम वर्षा के चलते पंजाब की प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। इससे बाढ़ की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है और अब प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
बीते एक सप्ताह में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में स्थिति सामान्य होने लगी है। अब नुकसान का आकलन किया जा रहा है और सफाई व स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने के लिए ज़ोर-शोर से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि प्रभावित ज़िलों में युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है ताकि आम जनजीवन जल्द से जल्द पटरी पर लौट सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करें और जरूरतमंद लोगों तक आवश्यक सहायता समय पर पहुँचे।
किसानों के लिए विशेष सलाह
राज्य के कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बारिश की स्थिति में जलभराव से बचने के उपाय करें और खेतों की निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखें। विशेषकर जिन क्षेत्रों में धान या अन्य खरीफ फसलें लगी हैं, वहां पानी जमा होने से फसलों को नुकसान हो सकता है।