भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में आई सतलुज की बाढ़ मे फंसे गावों वालों की जान बचाने के लिए बाढ़ पीड़ित सीमा सुरक्षा बल के जवान लोगों के लिए मसीहा बनकर काम में
भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में आई सतलुज की बाढ़ मे फंसे गावों वालों की जान बचाने के लिए बाढ़ पीड़ित सीमा सुरक्षा बल के जवान लोगों के लिए मसीहा बनकर काम में जुट गए हैं। ये जवान अपनी जान की परवाह न करते हुए बाढ़ से फंसे लोगों का रैस्क्यू करने का काम तेजी से कर रहे हैं। सतलुज नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण फिरोजपुर सीमा क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रभावित गांवों के निवासियों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सक्रिय सहायता से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बीएसएफ के जवान नावों की मदद से बाढ़ प्रभावित गांवों से पुरुषों, महिलाओं, बच्चों एवं आवश्यक सामग्री को सुरक्षित निकालकर नागरिक आबादी को पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
गांव कलुवाला में बीएसएफ का विशेष सहयोग
सतलुज दरिया के उस पार बसे देश के आखरी गांव कलूवाला में तेज जल प्रवाह के दौरान बीएसएफ के जवानों ने नावों की मदद से ग्रामीणों को सतलुज नदी पार कर गांव कलुूाला से गांव निहालेवाला पहुँचाया इस दौरान कुल 14 ग्रामीणों (02 पुरुष, 10 महिलाएं और 02 बच्चे) को सुरक्षित निकालकर स्थानांतरित किया गया। बीएसएफ की 2 टीमें स्पीड बोट के साथ कलूवाला, टिंडीवाला और गट्टी राजोके के ग्रामीणों को निकाल रही हैं। जबकि 01 टीम थाना अरिफके के अंतर्गत पड़ते सीमावर्ती गा्ंवों निहाला लवेरा, धीरागारा और सुल्तानवाला क्षेत्र में तैनात कर दी गई है।
इसी तरह से एक 01 अन्य टीम उन गाँवों में निकासी कार्य कर रही है, जो सीमा से 3-4 किमी भीतर स्थित हैं और जहाँ बाढ़ का पानी ग्रामीण बस्तियों में प्रवेश कर चुका है। बचाव कार्यों के साथ-साथ बीएसएफ के जवान ग्रामीणों की घरेलू सामग्री, पशुधन और आवश्यक वस्तुओं को भी डूबे हुए घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बाढ़ की स्थिती के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए बीएसएफ पूरी तरह प्रतिबद्ध है।