देशभर में राष्ट्रीय और राज्यीय हाईवे पर हर दिन लाखों वाहन चलते हैं।
करीब 1,065 टोल प्लाजाओं पर ड्राइवरों से टैक्स लिया जाता है लेकिन बहुत से लोगों को इस बात से पता नहीं है कि अगर उनका घर टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर की दूरी के भीतर है तो उन्हें टोल टैक्स नहीं देना होता। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने यह सुविधा खास तौर पर आसपास के स्थानीय लोगों को राहत देने के लिए शुरू की है।
क्या है 20 किमी वाला नियम?
NHAI के नियम के मुताबिक, यदि किसी वाहन मालिक का स्थायी घर टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर के दायरे में आता है, तो वह टोल टैक्स से मुक्त होता है। इसके लिए वाहन मालिक को अपना पता साबित करना होता है। इसके लिए आधार कार्ड, बिजली/पानी का बिल, राशन कार्ड दस्तावेज दिखाए जा सकते हैं।
यह सुविधा ‘पे ऐज़ यू यूज़’ (जितनी दूरी, उतना टोल) पॉलिसी का हिस्सा है। इस नीति में GNSS सिस्टम के जरिए वाहनों की लोकेशन ट्रैक की जाती है। 24 सितंबर 2024 से इसे कई हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। इसका लक्ष्य है कि स्थानीय लोगों के रोजाना के टोल खर्च को कम किया जाए और डिजिटल टोल सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए।
किन वाहनों को मिलती है टोल से पूरी छूट?
टोल प्लाजा के पास रहने वाले लोगों के साथ-साथ कुछ विशेष श्रेणी के वाहन भी टोल टैक्स देने से पूरी तरह मुक्त हैं। इनमें केंद्र और राज्य सरकारों के आधिकारिक वाहन, पुलिस विभाग की गाड़ियां, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड वाहन, सेना के वाहन- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी, NDRF की राहत-बचाव में लगी गाड़ियां शामिल हैं। इन वाहनों को छूट इसलिए दी जाती है ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनकी आवाजाही बिना रुकावट के हो सके और समय बर्बाद न हो।
स्थानीय लोगों के लिए कैसे फायदेमंद है यह नियम?
टोल प्लाजा के नजदीक रहने वाले लोगों को रोजाना कई बार इन रास्तों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में बार-बार टोल देना एक बड़ी आर्थिक परेशानी बन जाती है। इसलिए NHAI का यह नियम स्थानीय निवासियों को राहत देता है और उनके लिए यात्रा को आसान और सस्ती बनाता है।