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‘कुछ किसानों को जेल भेजा जाना चाहिए’, पराली जलाने पर Supreme Court की कड़ी चेतावनी

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सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर 2025 को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ाने वाली पराली जलाने की समस्या पर सुनवाई के दौरान कहा

सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर 2025 को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ाने वाली पराली जलाने की समस्या पर सुनवाई के दौरान कहा कि कुछ किसानों को जेल भेजा जाना चाहिए ताकि दूसरों को सख्त संदेश मिले और यह एक निवारक (deterrent) उपाय बन सके। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को इस मुद्दे के समाधान के लिए सख्त दंडात्मक कदम उठाने चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने यह टिप्पणी की, जब एमिकस क्यूरी (वकील जो कोर्ट के सहयोगी के रूप में काम करते हैं) अपराजिता सिंह ने बताया कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार द्वारा पहले ही कई कदम उठाए गए हैं, जैसे कि सब्सिडी और मशीनों का वितरण। हालांकि, किसान बार-बार अपनी समस्याओं और बेबसी का हवाला देते हैं, लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह सब बहाने हैं।
कुछ किसानों को जेल भेजो मजबूत संदेश जाएगा: CJI 
अपराजिता सिंह ने कहा, “2018 से सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के लिए कई बड़े आदेश दिए हैं, फिर भी किसान अपनी समस्याओं के लिए वही पुराने बहाने बना रहे हैं।” कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि प्रशासन इस मुद्दे को हल करने के लिए सख्त दंडात्मक प्रावधान क्यों नहीं बना रहा है। CJI गवई ने कहा, “अगर कुछ किसानों को जेल भेजा जाएगा तो इससे बाकी किसानों को एक मजबूत संदेश जाएगा। अगर आप पर्यावरण को बचाना चाहते हैं, तो आपको इस कदम को उठाने में शर्म क्यों आ रही है?”
राज्यों की प्रतिक्रिया
सीजेआई गवई की इस सलाह पर विभिन्न राज्यों ने अपनी राय दी। पंजाब सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि पराली जलाने के मामलों में कमी आई है और आने वाले सालों में यह और कम होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जब कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया, तो उनमें ज्यादातर छोटे किसान थे, और अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा तो उनके परिवार और जो लोग उनसे निर्भर हैं, उनका क्या होगा? इस पर सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य इसे नियमित करने का नहीं था, बल्कि केवल एक सख्त संदेश देना था।
किसान क्यों जलाते हैं पराली?
किसान खेतों को साफ करने के लिए पराली जलाते हैं, क्योंकि यह एक सस्ता तरीका है। अगर वे पराली को जलाते नहीं हैं, तो उन्हें मजदूरों या मशीनों से पराली हटानी पड़ती है, जो कि बहुत महंगा होता है। इस कारण से, किसानों के लिए यह जलाना सबसे आसान तरीका बन जाता है, लेकिन इसके कारण प्रदूषण बढ़ता है, खासकर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारों को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

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