ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। यह मामला पहलवान सागर धनखड़ की हत्या से जुड़ा हुआ है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले सुशील कुमार को जमानत दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया है।
क्या था मामला?
सुशील कुमार और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने 4 मई, 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर जानलेवा हमला किया था। सागर धनखड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने सुशील कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा चार अन्य पहलवान भी इस हमले में घायल हुए थे।
जमानत रद्द क्यों हुई?
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की वकील जोशीनी तुली ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत एक गलत आदेश था। उनका कहना था कि सुशील कुमार ने जब भी जमानत पर बाहर आकर गवाहों से छेड़छाड़ की थी। कई गवाहों ने बाद में अदालत में अपने बयान बदल दिए थे। इसके साथ ही, मामले में मौजूद वीडियो फुटेज ने भी कोर्ट के निर्णय को प्रभावित किया। इस कारण से सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द कर दिया और सुशील कुमार को एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
जानें पूरा मामला?
पुलिस ने आरोप लगाया था कि सुशील कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर 5 मई, 2021 की रात सागर धनखड़ की बुरी तरह पिटाई की थी, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके अलावा चार अन्य पहलवान भी इस हमले में घायल हुए थे। मामले में कुल 13 आरोपी हैं और पुलिस ने उन सभी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, डकैती और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले का वीडियो फुटेज भी सामने आया था, जिसमें सुशील और उनके साथियों को दूसरों की पिटाई करते हुए देखा गया था।
आगे की प्रक्रिया
अब इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी और कई सरकारी गवाहों से निचली अदालत में पूछताछ की जाएगी। इस घटना ने कुश्ती जगत में तहलका मचा दिया है, क्योंकि सुशील कुमार की पहचान एक मशहूर और सम्मानित पहलवान के रूप में थी, और इस घटना के बाद उनके खिलाफ यह गंभीर आरोप लगने से पूरे देश में खलबली मच गई।