रोपड़ हैडवर्क्स से सतलुज में छोड़े जाने वाले पानी की मात्र में लगातार कटौती की जा रही है।
रोपड़ हैडवर्क्स से सतलुज में छोड़े जाने वाले पानी की मात्र में लगातार कटौती की जा रही है। सोमवार को जहां रोपड़ हैडवर्क्स से सतलुज में 60 हजार क्यूसेक के करीब पानी छोड़ा जा रहा था जोकि सोमवार दोपहर तक घटकर 50 हजार क्यूसेक के करीब पहुंच गया। रोपड़ से पानी में कटौती किए जाने से लुधियाना में भी सतलुज के जल स्तर में काफी कमी आ गई है। सोमवार को लुधियाना में जल स्तर 774.10 फुट था, जो कि मंगलवार को 773.90 फुट तक रह गया। मंगलवार शाम तक सतलुज दरिया में लुधियाना से 41174 क्यूसेक पानी बह रहा था देर रात तक पानी की मात्र घटकर 40 हजार क्यूसेक से कम हो गई। अगर हिमाचल प्रदेश व रोपड़ के आसपास बारिश न हुई तो बुधवार तड़के तक सतलुज में पानी की मात्र 37 से 38 हजार क्यूसेक के आसपास आ जाएगी। सतलुज में पानी का स्तर कम हो गई लेकिन गढ़ी फजल में धुस्सी बांध पर खतरा मंडराने लगा है। हालांकि जिला प्रशासन और ग्रामीण धुस्सी बांध को बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने मंगलवार को सतलुज के धुस्सी बांध का अलग-अलग जगहों पर जायजा लिया। डीसी गढ़ी फजल पहुंचे और उन्होंने बांध को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यो का जायजा लिया। वहां मौजूद लोगों ने डीसी को बताया कि मंगलवार सुबह सतलुज ने धुस्सी बांध को फिर से नुक्सान पहुंचाना शुरू कर दिया था। उसके बाद लोगों ने फिर से पेड़ काटकर फैंके और पानी के बहाव को कम किया। लोगों का कहना है कि गढ़ी फजल में धुस्सी बांध को बचाने के लिए जो पत्थरों के ब्लॉक बनाए गए थे वो पानी में गिर गए हैं, जिसकी वजह से पानी सीधे बांध से टकराने लगा है। इसके अलावा गढ़ी फजल से पहले सतलुज के पानी ने जमीन का कटाव करना शुरू कर दिया जो कि धीरे-धीरे धुस्सी बांध की तरफ बढ़ रहा है। वहां पर भी लोगों ने बचाव के लिए पेड़ काटकर डाल दिए हैं। ससराली में जिस क्षेत्र में धुस्सी बांध सतलुज में समा गया है उस क्षेत्र में जमीन का कटाव अब भी जारी है।
उधर, कासाबाद में भी हालत में सुधार हुआ है। डीसी हिमांशु जैन ने बताया कि सतलुज का जल स्तर काफी कम हो गया है और आने वाले दिनों में पानी का स्तर और कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां जहां से कटाव की सूचना मिल रही है वहां पर तुरंत बचाव के काम किए जा रहे हैं। डीसी ने बताया कि गढ़ी फजल समेत पूरे जिले में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।