मुख्य मंत्री स्टार्ट अप योजना
PunjabENews(Pooja Mandyal)Mandi
आयुर्वेद में स्टार्ट अप को आयुर्वेद अुनसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर में इन्क्युबेशन सैंटर स्थापित
आयुर्वेद क्षेत्र में नवोन्मेषी विचार को बतौर उद्यम विकसित करने में पांच युवा कार्यरत
मुख्य मंत्री स्टार्ट अप योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश आयुर्वेद विभाग के जोगिन्दर नगर स्थित आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान ने जड़ी बूटियों व आयुर्वेद क्षेत्र में बतौर इन्क्युबेशन सैंटर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।आयुर्वेद एवं जड़ी बूटियों के क्षेत्र में स्टार्ट अप को मदद करने की दिशा में यह संस्थान देश का पहला इन्क्यूबेशन केंद्र बन गया है।वर्तमान में सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत नवोन्मेषी विचार को बतौर उद्यम विकसित करने की दिशा में प्रदेश भर के पांच युवा कार्य कर रहे हैं। इस शोध केंद्र के सहयोग से प्रदेश में आयुर्वेद क्षेत्र में स्टार्ट अप के माध्यम से उद्यम स्थापना को लेकर जल्द ही बेहतर परिणाम सामने आने वाले हैं।प्रदेश के युवाओं, किसानों और उद्यमियों को जड़ी-बूटियों तथा आयुर्वेद क्षेत्र में उद्योग स्थापना की दिशा में स्टार्ट अप प्रदान करने को प्रदेश उद्योग विभाग के साथ मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना के तहत यह इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित किया गया है। इस संस्थान की अनुसंधान संबंधी सुविधाओं का लाभ उठाकर प्रदेश भर से आयुर्वेद क्षेत्र में स्टार्ट अप को चयनित युवा अपने नवीन व नवोन्मेषी विचारों पर गहन अध्ययन व शोध करअपना उद्यम स्थापित कर सकेगें। अब तक प्रदेश भर से जड़ी बूटियों एवं आयुर्वेद में नवोन्मेषी विचार वाले पांच युवाओं को प्रदेश उद्योग विभाग द्वारा चयनित कर यहां भेजा है। जिन्होने अपने नवोन्मेषी विचार को स्टार्ट अप देने की दिशा में शोध कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।मुख्य मंत्री स्टार्ट अप योजना के तहत इस संस्थान में सोलन के कमलेश अर्श रोग पर अपने खानदानी ईलाज से उत्पाद बनाने, हमीरपुर के राजेश हर्बल वाशिंग पाऊडर बनाने, अमित जड़ी-बूटियों से पोषक पदार्थ बनाने, चंबा के रियाज हर्बल वाइन तथा ताबो गोम्पा से सोवा रिग्पा हर्बल आहार बनाने संबंधी अपने नवीन विचारों पर शोध कार्य कर रहे हैं। आयुर्वेद व जड़ी बूटियों के क्षेत्र में नवीन विचार के साथ कार्यरत इन पांचों युवाओं द्वारा तैयार उत्पाद जल्द ही उद्यम के तौर पर स्थापित होंगे। इससे न केवल प्रदेश व देश के लोगों को आयुर्वेद व जड़ी बूटियों से तैयार प्राकृतिक व स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध होंगे बल्कि इस क्षेत्र में प्रयासरत इन युवाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ बतौर उद्यमी स्थापित होने का भी अवसर मिलेगा।हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेद व जड़ी बूटियों के क्षेत्र में स्टार्ट अप के माध्यम से उद्यमशीलता विकसित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं जो प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार प्रदान करने में अहम कड़ी साबित हो सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर डॉ. अरूण चंदन का कहना है कि आयुर्वेद क्षेत्र में स्टार्ट अप को मदद करने की दिशा में आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर देश का पहला इन्क्यूबेशन केंद्र बन गया है। मुख्य मंत्री स्टार्ट अप योजना के माध्यम से यहां पर पांच युवा अपने नवोन्मेषी विचार को लेकर शोध कार्य कर रहे हैं जिन्हे संस्थान हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।उनका कहना है कि संस्थान ने 2500 वर्ग फीट का क्षेत्र नवोन्मेषी विचार को लेकर शोध कार्य करने व बैठने के लिए उपलब्ध करवाया है। इसके अलावा संस्थान शोध को लेकर प्रयोगशाला, संकाय इत्यादि के तौर पर भी मदद कर रहा है।करवाने तक की भी मदद की जाती है।सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर के अलावा आईआईटी मंडी, एनआईटी हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय शिमला, चितकारा विश्वविद्यालय सोलन, कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर, उद्यानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी सोलन, जेपी विश्वविद्यालय वाकनाघाट सोलन, हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर तथा हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् शिमला को भी इन्क्यूबेशन सैंटर के तौर पर स्थापित किया है ताकि युवा अपने नवीन विचारों को इन इन्क्यूवेशन सैंटर के सहयोग से उद्यम में बदल सकें।