Jalandhar (punjab e news ) आप प्रमुख केजीरवाल द्वारा खैहरा को पदमुक्त करने के बाद कँवर संधू का इस्तीफ़ा तथा उसके बाद भी दोनों का पार्टी में बने रहना कोई अनुशासन की पालना नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार खैहरा तो धमाका करना चाहते थे लेकिन कँवर संधू ने ही सियासी हल ढूंढ़ते हुए सभी को पार्टी में बने रहने का सुझाव दिया। आगामी रणनीति तैय हो चुकी है लेकिन यह नेता खुद की बजाये केजरीवाल पर नजला फेंक कर जनता की और सहानुभूति बटोरना चाहते हैं।
खबरें यह भी आ रही हैं अकाली दल मुख्य विरोधी दल बनना चाहता है। तो ऐसे में विधायकों की संख्या बढ़ाने के लिए खैहरा एंड पार्टी की ज़रूरत पड़ेगी। अगर यह विधायक तब अकाली दल के साथ चलते तो इन पर पद का लोभी होने के आरोप लगने थे। अब 2 अगस्त को अधिवेशन बुला कर सारी सेटिंग कर दी गयी। प्लानिंग के मुताबिक सांप भी मरेगा और लाठी भी नही टूटेगी। वह होगा यूँ की अधिवेशन में भाग लेने वाले संभावित एक दर्जन विधायकों खिलाफ पार्टी सख्त एक्शन लेगी। फिर उसी की बिनाह पर ही हो हल्ला कर अकाली दल को यह विधायक बाहर से समर्थन देंगे। सुखबीर इनकी सहायता से नेता प्रतिपक्ष बन जायेंगे।
खबरें यह भी आ रही हैं की अकाली विधायक बिक्रम मजीठिया की खैहरा से मुलाकात हुई है। हालाँकि दोनों पक्ष फिलहाल इससे इंकार कर रहे हैं।