Punjab E News:ब्रिटेन में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए Human Rights in Kashmir पर एक प्रस्ताव रखा है। जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। वहीं ब्रिटेन में कश्मीर पर All Party Parliamentary Group (APPG) के सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने गुरूवार को चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहरायी।
इसके साथ ही मिलिंग ने कहा सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है,लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है। दूसरी ओर भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी है। वहीं लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने PM मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदाकी और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया।