Chandigarh (punjab e news ) खबर का शीर्षक पढ़ कर हैरान मत होइएगा। कोई बड़ी बात नहीं है जब कुछ समय बाद आपको पंजाब के ठेकों पर अफ़ीम और भुक्की बिकती हुई नज़र आ जाए। दरअसल पंजाब में चिट्टे के बढ़ते कहर को रोकने के लिए रिवायती नशे का सहारा लिए जाने बारे चर्चा चल रही है। पटियाला से आम आदमी पार्टी के सांसद डा धर्मवीर गांधी पिछले तीन साल से यह झंडा उठाए हुए हैं। अब जब पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ है तो डा गाँधी ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री को इसे अमलीजामा पहनाने की अपील की है। वही अन्य दलों व संगठनों को पत्र लिख कर नशा मुक्ति में सहयोग मांग रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आप सांसद को जवाब में चिट्ठी लिख कर सुझाव में अमल लाने प्रति विचार करने की बात की है। डा गाँधी को लिखे पत्र में कैप्टन ने इस बाबत सेहत मंत्री ब्रह्म महिंद्रा को विचार करने सम्बन्धी निर्देश देने की बात की है।
अकाली दल के सीनियर नेता व् सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने आप सांसद डा धर्मवीर गाँधी के विचार से इतेफ़ाक़ जताया है। ढींडसा के अनुसार यह उनकी निजी राय है की सूबे में रिवायती नशे को लागू कर देना चाहिए। ढींडसा के मुताबिक अफ़ीम और भुक्की रिवायती नशा है जो की भारी भरकम काम करने के लिए किया जाता रहा है। उन्होंने कहा की सबसे बड़ी बात यह है की इस नशे से आज तक कभी किसी की मौत नहीं हुई है।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की राय इनसे जुदा है। इनका कहना है की कांग्रेस सरकार का मकसद सूबे से नशे को खत्म करना है फिर चाहे वह रिवायती नशा हो या फिर सिंथेटिक नशा।