Jalandhar (Atul Sharma ) कांग्रेस सरकार का एक मंत्री शहर में आता है। खुद जा कर शहर में अवैध निर्माणों का जायजा लेकर निगम अधिकारियों को फटकार लगाता है। सख्त एक्शन होता है और आठ अधिकारीयों को सस्पेंड कर दिया जाता है। सरकार यह दिखाती है की वह भ्रष्टाचार को बिलकुल सेहन नहीं करेगी।
गाज निगम अधिकारीयों पर गिरती है तो अगले दिन निगम कमिश्नर नई टीम बना कर उन्हें अवैध कब्ज़े तोड़ने के लिए भेज देते हैं। एक दिन पहले कांग्रेसी नेता से झाड़ खाने के बाद फील्ड में निकली टीम का सामना एक और कांग्रेसी नेता से हो जाता है। और ऐसा नेता जो पहले नेता से बिलकुल अलग है। झाड़ खा कर जोश में आयी टीम को यह नेता काम नहीं करने देता है। जवाब आता है की वह गरीब के सर से छत नहीं हटने देगा। विधायक जी डिच मशीन पर चढ़ जाते है। उनके हक़ में नारेबाजी होने लगती है। जमा हुयी भीड़ डिच और निगम टीम को घेर लेती है ,नतीजन निगम कमिशनर से मिले हुकम को वह पूरा नहीं कर पाते। कारण ,रॉबिनहुड नेता जी का डिच मशीन पर चढ़ कर उन्हें रोक देना। प्रदर्शन होता है और निगम कमिश्नर विधायक जी को भरोसा दे कर अपनी टीम को वापिस बुला लेते हैं।
विपक्षी दल इस पुरे मामले पर पैनी नज़र बनाये हुए हैं। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा की उन्हें बड़ी हैरानी हुयी है की इतना सब कुछ हो जाने के बाद निगम कमिश्नर द्वारा विधायक रिंकू ख़िलाफ़ सरकारी काम में बाधा डालने की कार्यवाही करने की बजाये वह उनके मान मवक्कल में लगे रहे। उन्होंने इसे सरकार की दोहरी निति बताया है। वल्टोहा के मुताबिक पंजाब में सत्ता बदलते ही सबसे पहले उनके खिलाफ एक प्रशासनिक अधिकारी की शिकायत पर झूठा परचा दर्ज कर दिया गया था जबकि अब सरकार आँखें मूँद कर बैठी है। उन्होंने कहा की अगर ऐसा कुछ विपक्षी दल के नेता ने किया होता तो कैप्टन अब तक उसे अंदर कर चुके होते।
पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की उनके गठबंधन के नेता अकाली दल के कमलजीत भाटिया ऐसे ही क़ानूनी केसों से गुजर रहे हैं। उनका उद्देश्य भी सिर्फ जनता का साथ देना था। जबकि अब सरकार अधिकारियो पर दबाव बना कर अपने नेताओं को गुंडागर्दी करने की खुली छूट दे रही है।