waiting for muhurat by supreme court to punjab

डिपोर्ट मामले पर भड़की सुप्रीम कोर्ट, असम सरकार को लगाई फटकार

 

डेस्क – विदेशी घोषित किए गए लोगों को डिपोर्ट नहीं करने के लिए असम सरकार पर कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज पूछा कि क्या वह किसी “मुहूर्त” का इंतजार कर रही है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने असम सरकार से कहा कि बॉर्डर स्टेट में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने की कवायद के दौरान उन्हें विदेशी घोषित किए जाने के बाद हिरासत केंद्रों में वर्तमान में 63 लोगों को डिपोर्ट किया जाए।
राज्य ने तर्क दिया कि वह विदेशियों का उनके मूल देश में पता नहीं जानता, लेकिन अदालत इससे सहमत नहीं थी।

राज्य सरकार की खिंचाई करते हुए जस्टिस ओका ने कहा कि असम तथ्यों को दबा रहा है। इस पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि उन्होंने कार्यपालिका के सर्वोच्च अधिकारी से बात की है और “कुछ खामियों” के लिए माफी मांगी है।

जस्टिस ओका ने कहा, “हम आपको झूठी गवाही का नोटिस जारी करेंगे। आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप बेदाग साबित हों।” राज्य के वकील ने जवाब दिया, “छिपाने का कोई इरादा नहीं है”। जस्टिस ओका ने कहा, “बेशक, है। आपने वे तारीखें क्यों नहीं बताईं जिन पर वेरिफिकेशन हुआ था? एफिडेविट दोषपूर्ण है।”