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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्तों में हर्ष उल्लास, जानिए शुभ मुहूर्त

पंजाब न्यूज़: जन्माष्टमी का त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्म अष्टमी हर साल भादो माह की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को मथुरा में हुआ था। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन 6 और 7 सितंबर 2023 को मनाई जा रही है। जन्माष्टमी के दिन लोग रात 12 बजे बाल गोपाल की पूजा करते हैं और उन्हें मक्खन, मिश्री, लड्डू, धनिये की पंजीरी और मिठाइयों से भोग लगाते हैं।

हर साल की तरह इस बार भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर भक्तों में असमंजस की स्थिति है। हर साल जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। इस साल श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी। कुछ लोग जन्माष्टमी के दिन व्रत भी रखते हैं। रात्रि 12 बजे जब श्री कृष्ण जी का जन्म होता है तो उस अवसर पर पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से शुभ फल मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। पंचांग के अनुसार वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाएंगे।

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ –
6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त –
7 सितंबर 2023 शाम 04.14 बजे

रोहिणी नक्षत्र –
यह 6 सितंबर को सुबह 09.20 बजे से 7 सितंबर को सुबह 10.25 बजे तक रहेगा

जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा करने के लिए सबसे पहले दूध, दही, शहद और जल से जलाभिषेक करना चाहिए। फिर बाल गोपाल जी को सुंदर वस्त्र पहनाएं और उन्हें झूले में बिठाकर झुलाएं। इसके बाद आप कृष्ण को माखन, मिश्री, लड्डू, धनिये की पंजीरी और मिठाई का भोग लगाएं। रात्रि 12 बजे के बाद लड्डू गोपाल जी की पूजा करें और पूजा के बाद लड्डू गोपाल जी की आरती करें।