मनप्रीत बादल की बढ़ी मुश्किलें, अब उनका पुराना गनमैन विजिलेंस की राडार पर
चंडीगढ़/ब्यूरो न्यूज़: पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, उनके करीबी रिश्तेदार भी बठिंडा विजिलेंस के रडार पर आ गए हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व गनमैन मनप्रीत बादल की संपत्ति से जुड़ा रिकार्ड जुटाना शुरू कर दिया है। विजिलेंस ने 12 साल पुराने गनमैन के व्यावसायिक, आवासीय और कृषि भूमि रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है। बठिंडा रेंज ने जांच तेज कर दी है।
इनमें से एक जांच पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल द्वारा अर्बन एस्टेट बठिंडा में खरीदे गए 2 रिहायशी प्लॉटों से संबंधित है और विजिलेंस को इन प्लॉटों की खरीद-फरोख्त पर संदेह है। विकास प्राधिकरण बठिंडा ने 2018 में बिना नक्शा अपलोड किए पांच प्लॉटों के लिए बोली लगाई थी, लेकिन किसी ने भी बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। फिर 17 सितंबर 2021 को तीनों प्लॉट के लिए ऑनलाइन बोली खोली गई जो 27 सितंबर को होनी थी।
उक्त दोनों प्लाटों का क्षेत्रफल 1000 गज व 500 गज था। आवासीय प्लॉट की ऑनलाइन बोली में 3 व्यक्तियों राजीव कुमार, विकास कुमार और अमनदीप ने भाग लिया। विजिलेंस के मुताबिक, प्लॉट की बोली लगाने वाला अमनदीप शराब के ठेके पर काम करता था। वहीं, विजिलेंस ने बीडीए के सर्वर के आईपी एड्रेस की जांच की तो पता चला कि तीनों बोलीदाताओं ने एक ही कंप्यूटर से बोली लगाई थी।
बोली पर प्लॉट मिलने के बाद राजीव कुमार और विकास कुमार ने पूर्व वित्त मनरापीत बादल के साथ 30 सितंबर को दोनों प्लॉट बेचने का समझौता किया, जिसके बदले में मनप्रीत बादल ने दोनों के बैंक खातों में लगभग 1 करोड़ रुपये डाले। विजिलेंस जांच के मुताबिक, राजीव और विकास ने 5 अक्टूबर 2021 को बीडीए को पहली किस्त के रूप में 25 प्रतिशत पैसा चुकाया था।